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Amroha news इन घरेलू उत्पादों का सेवन कर आप छोड़ देंगे नशा, जरूर अपनाएं यह उपाय

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अमरोहा (सब का सपना):- कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अमरोहा में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अमरोहा के तत्वाधान में विषय”Sensitization for eradication of Drugs, Smoking and Alcoholism, & Women hygiene and Sanitary napkins & Child sex ratio under PCPNDT Act & Right of Mentally ill Persons”
पर निःशुल्क विधिक साक्षरता/जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन श्री ज़फ़ीर अहमद माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अमरोहा के निर्देशानुसार श्री अभिशेक कुमार व्यास, सिविल जज सी0डि0/प्रभारी सचिव, डी0एल0एस0ए0 अमरोहा के निर्देशन में डा0 सुखदेव सिंह, प्रभारी सी0एच0सी0 जोया, जनपद अमरोहा की अध्यक्षता में किया गया, तथा आयोजित कार्यक्रम का संचालन श्रीमति विद्यावती, आषा नोडल ¼BCMP½ आफिस जोया सी0एच0सी0 जनपद अमरोहा ने किया। इस अवसर पर श्री संजय कुमार सागर, वरिष्ट सहायक, डी0एल0एस0ए0 अमरोहा, श्री लोकमान सिहं तथा पराविधिक स्वयं सेवक आदि व अधिक संख्या में जन समुह उपस्थिति रहे।


ड्रग्स, धूम्रपान, व षराब एवं पी0सी0पी0एन0डी0टी0 अधिनियम के तहत बाल लिंग अनुपात एवं महिला स्वच्छता व सैनिटरी नैपकिन एवं षिक्षा का अधिकार विशय पर वक्ताओं द्वारा अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पूरी दुनिया मंे प्रति वर्श 60 लाख लोग तम्बाकू के प्रयोग के कारण मर जाते है। इसलिए तम्बाकू के सेवन से होने वाले नुक्सान एवं इससे बने पदार्थो से दूर रहने हेतु सचेत किया गया, लेकिन फिर भी लोग इसका सेवन करते है। तम्बाकू का सेवन अनेक रूप से किया जाता है। जैसे बीड़ी, सिगरेट, गुटका, जर्दा, खैनी, हुक्का, चिलम आदि। तम्बाकू उत्पादों के सेवन से शरीर पर होने वाले नुक्सान इस प्रकार से है 1&तम्बाकू में मादकता या उतेजना देने वाला मुख्य घटक निकोटीन (Nicotine) है यही तत्व सबसे ज्यादा घातक भी है 2-इसके अलावा तम्बाकू मे अन्य बहुत से कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्व पाये जाते है। 3-धुम्रपान एवँ तम्बाकू खाने से मुँह् ,गला, श्वासनली व फेफडोँ का कैंसर (Mouth, throat and lung cancer ) होता है। 4-दिल की बीमारियाँ (Heart Disease ) 5-धमनी काठिन्यता,उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure ) 6-पेट के अल्सर (Stomach Ulcer ), 7-अम्लपित (Acidity), 8–अनिद्रा (insomnia) आदि रोगों की सम्भावना तम्बाकू उत्पादों के सेवन से बढ़ जाती है।
rEckdw dh yr ds dkj.k%& कभी दूसरों की देखा देखी, कभी बुरी संगत मे पडकर कभी मित्रो के दबाब में, कई बार कम उम्र मेँ खुद को बडा दिखाने की चाहत में तो कभी धुएँ के छ्ल्ले उडाने की ललक,कभी फिल्मों मे अपने प्रिय अभिनेता को धूम्रपान करते हुए देखकर तो कभी पारिवारिक माहौल का असर तम्बाकू उत्पादों की लत का कारण बनता है। अधिकतर लोग किशोरावस्था या युवावस्था मेँ दोस्तोँ के साथ सिगरेट, गुट्खा, जर्दा, आदि का शौकिया रूप मेँ सेवन करते है शौक कब आदत एवँ आदत लत मे बदल जाती है पता ही नहीं चलता और जब तक पता चलता है तब तक शरीर को बहुत नुक्सान पहुँच चुका होता है।

धूम्रपान, जर्दा, खैनी आदि नशा छोडने के उपाय

  1. नशा छोड्ने का मन से निश्चय करेँ।
  2. सभी मित्रोँ,परिचितों को बता दें कि आपने नशा छोड दिया है ताकि वे आपको नशा करने के लिये बाध्य ना करेँ।
  3. 4. डायरी लिखेँ कि आप कब और कितनी मात्रा मे नशा करते हैं क्या कारण है जो आपको नशा करने के लिये प्रेरित होते हैं।
  4. अपने पास सिगरेट, गुटखा, तम्बाकू, एवँ माचिस आदि रखना छोड देँ।
  5. 6. खान पान एवं लाइफ स्टाइल में सुधार करें।
  6. यदि नशा एक बार मेँ झटके से छोड्ना मुश्किल लगे तो धीरे धीरे मात्रा कम करते हुए छोड़ें।
    नशा छोड़ने के आयुर्वेदिक तरीके
  7. 50 ग्राम सौंफ एवँ इतनी ही मात्रा मेँ अजवायन लेकर तवे पर भूने, थोडा नींबू का रस एवँ हल्का काला नमक डाल लेँ। एक डब्बी में रखकर अपनी जेब में रख लें। जब भी सिगरेट एवँ तम्बाकू आदि की तलब लगे तो कुछ दाने मुँह मेँ रख लेँ एवं चबाते रहे इससे तलब कम होगी,अजीर्ण ( indigestion),अरुचि (Anorexia),गैस (Gas, Acidity) में आराम मिलेगा।
  8. गुनगुने पानी मे नींबू का रस एवँ शहद डालकर पीना तलब को कम करता है तथा नशे के विषाक्त तत्वों को शरीर से बाहर निकालता है।
  9. एक पुडिया मे सूखे आँवले के टुकडे, इलायची ,सौंफ, हरड के टुकडे रखेँ ताकि जब तलब लगे तो कुछ टुकडे मुँह में रखें और चबाते रहें इनसे तलब ( Craving) तो कम होती ही साथ ही खट्टी डकार ,भूख ना लगना (lack of appetite ),पेट फूलने में आराम मिलता है।
    नशा छोड़ते वक़्त क्या परेशानी आ सकती है ? i
    सिगरेट ,बीडी,एवं अन्य तम्बाकू उत्पादोँ का नशा छोड्ने पर अनेक लक्षण उत्पन्न हो जाते है जो बहुत परेशान करते है इन्हे विड्रावल लक्षण ( Withdrawal Symptoms ) कहते है जैसे: चिंता ( Stress,anxiety), बेचैनी (Restlessness), भूख ना लगना (lack of appetite ), ह्रदय की धडकन बढना (Palpitation), नींद ना आना (lack of sleep), ज्यादा पसीना आना (Excessive sweating), नशे की तीव्र इच्छा होना ( Craving ), अवसाद ( Depression ), सिर दर्द आदि। यदि लक्षण ज्यादा गम्भीर ना हों जो कि इस बात पर निर्भर करते हैं कि व्यक्ति नशा कितने समय से और कितनी मात्रा मे कर रहा है तो ऐसी स्तिथि मे आयुर्वेद की जड़ी बूटियां एवं औषधियां बहुत फायदेमंद होती हैं, जैसे-असगंध ,ब्राह्मी, शंखपुष्पी, जटामांसी ,आंवला ,हरड, त्रिफला,मुलहठी ,सौंफ,इलायची,लवण भास्कर ,द्राक्षासव,अश्वगंधा अवलेह,अग्निटुंडी आदि बहुत उपयोगी हैं जिन्हे चिकित्सक की राय से सेवन किया जा सकता है। आइये इस अवसर पर हम संकल्प लें कि खुद भी नशा नही करेंगे और अन्य लोगो को भी नशा ना करने के लिये प्रोत्साहित करेंगे।

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