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कलेक्ट्रेट सभागार मे धर्मपाल सिंह ने दुग्ध उत्पादन के विभिन्न समितियों के अध्यक्ष एवं सचिवों के साथ की बैठक

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मथुरा(राजकुमार गुप्ता) सब का सपना:- कलेक्ट्रेट सभागार में मंत्री पशुधन एवं दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन धर्मपाल सिंह जी ने दुग्ध उत्पादन के विभिन्न समितियों के अध्यक्ष एवं सचिवों के साथ बैठक की तथा विभाग की समीक्षा बैठक की। सिंह ने जनपद आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी एवं मथुरा के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए अधिकाधिक दुग्ध समितियों को बढ़ाने के निर्देश दिये।मथुरा के अधिकारियों ने धर्मपाल सिंह को अवगत कराया कि जनपद में 275 दुग्ध समितियां हैं, जिसमें 230 समितियां संचालित हैं। जिस पर मंत्री धर्मपाल सिंह ने निर्देश दिये कि समस्त 547 ग्राम पंचायतों में दुग्ध समितियां बनायी जायें।

दिसंबर के अंत तक 9000 लीटर दूध का रखा गया लक्ष्य

अधिकारी ने अवगत कराया कि इस वर्ष 23 समितियां गठित हुई हैं तथा 43 अन्य समितियों के गठन की कार्यवाही की जा रही है। जनपद फिरोजाबाद के अधिकारियों ने बताया कि उनके अन्तर्गत 03 केन्द्र हैं, जिसमें आगरा, फिरोजाबाद एवं मैनपुरी है तथा 03 प्लांट हैं। कुल 418 समितियां फिरोजाबाद में हैं, जिसमें से 137 कियाशील है। अधिकारियों ने बताया कि माह नवम्बर में 19 समितियों को जोड़ा गया है। मंत्री जी ने जानकारी ली कि कितना दूध आ रहा है, जिस पर फिरोजाबाद के अधिकारी ने बताया कि अभी 3000 लीटर दूध आ रहा है तथा दिसम्बर के अंत तक 9000 लीटर का लक्ष्य रखा गया है।बैठक में मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि उ०प्र० भारत में दुग्ध उत्पादन में प्रथम है। 13 दुग्ध फैक्ट्री हैं, जिसमें दस कियाशील हैं तथा अन्य 3 दुग्ध फैक्ट्री नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड द्वारा शीघ्र जनपद कन्नौज, कानपुर एवं गोरखपुर में खोली जा रही हैं। प्रदेश में 19 दुग्ध संघ हैं, 18108 दुग्ध समितियां हैं, जिसमें लगभग 8000 संचालित हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी दुग्ध समितियों का भुगतान एक माह के अन्दर किया जाये।

अधिकारियों को दिए निर्देश कहा गांव-गांव पहुंचे और किसानों के साथ गोष्टी करे

समितियों का प्रशिक्षण नियमित रूप से कराया जाये।मंत्री जी ने बताया कि जनपद मथुरा में 67 करोड़ का दुग्ध उत्पादन केन्द्र खोले जाने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गांव गांव जाकर किसानों के साथ गोष्ठी करें, हेल्पलाइन नंबर 1962 का अधिकाधिक प्रचार प्रसार करें, किसानों को स्वच्छता, हरा चारा, भूसा, सर्दी के दृष्टिगत पशुओं हेतु शैड,नस्ल सुधार पर जोर, बधियाकरण पर जोर, संकामंक रोग से बचाव आदि हेतु जागरूक करें।मंत्री ने बैठक के पश्चात 24 नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के पात्र लाभार्थियों को पत्र देकर सम्मानित किया।

पशुओं के लिए चलाई जा रही एंबुलेंस सेवा

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का लक्ष्य है कि किसानों की आय दोगुनी हो. जिसमें दुग्ध उत्पादन अहम भूमिका निभाता है। देशी गाय का दूध अमृत है। उन्होंने सभी कृषक भाईयों को अवगत कराया कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को 500 मोबाइल वैन प्रदान की गई है, जो आप द्वारा 1962 पर कॉल करते हुए पशुओं के जांच एवं स्वास्थ्य संबंधी अन्य बीमारियों पर आपके घर एक घंटे में पहुँचेगी। उक्त वैन में डॉक्टर, कम्पाउण्डर तथा दवायें उपलब्ध है. जो पशुओं को प्राथमिक उपचार प्रदान करेंगी तथा अधिक बीमार होने पर संबंधित अस्पतालों में भर्ती होने के लिए आवश्यक कार्यवाही करेंगी।

पीसीडीएफ का मुख्य उद्देश्य दुग्ध सहकारी समितियां के माध्यम से किसानों को तकनीकी सुविधाएं प्रदान करना है

उन्होंने बताया कि राज्य में सहकारिता आधारित संगठित दुग्ध व्यवसाय के उद्देश्य से वर्ष 1962 में पीसीडीएफ की स्थापना की गई। पीसीडीएफ का मुख्य उद्देश्य दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से उत्पादकों से सीधे दूध का संग्रह कर उनके दूध का उचित और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित कराना, दूध का उत्पादन बढ़ाने हेतु किसानों को तकनीकी सुविधाए प्रदान करना एवं शहरी उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता का दूध उपलब्ध कराना है।पीसीडीएफ के अन्तर्गत प्रदेश में संचालित दुग्ध संघों के माध्यम से दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों का विक्रय पराग ब्राण्ड के नाम से किया जाता है। दुग्ध संघों द्वारा पैक्ड मिल्क • खोवा, आईसक्रीम बटर पनीर, घी, दही, छाछ, पलेवर्ड मिल्क, लस्सी, चावल खीर, छेना खीर, लड्डु, पेडा, मिल्क केक, गुलाब जामुन, रसगुल्ला इत्यादि दुग्ध उत्पाद तैयार किए जाते है।

वर्ष 2023-24 में लगभग 23000 प्रशिक्षण आर्थियों को प्रशिक्षित किया गया

पीसीडीएफ के अन्तर्गत 19 दुग्ध संघों में स्टे आफ आर्ट टेक्नालोजी के स्काडा आपरेटेड 13 डेयरी प्लान्ट्स यथा वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, अयोध्या, कानपुर, कन्नौज, लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, नोएडा, आजमगढ़ एवं झॉसी स्थापित है जिनकी कुल स्थापित प्रसंस्करण क्षमता 23.80 एलएलपीडी है। बरेली में 10 हजार लीटर क्षमता का आईसकीम प्लान्ट भी स्थापित है। इनमे से 10 डेयरी प्लान्टस संचालित है एवं विगत वर्ष की तुलना में प्रसंस्करण क्षमता की उपयोगिता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।वाराणसी में स्थापित डेयरी प्लाण्ट दिसम्बर, 2021 से एनडीडीबी द्वारा संचालित किया जा रहा है। पीसीडीएफ अन्तर्गत 03 सहकारी डेयरी प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान लखनऊ, मेरठ एवं वाराणसी संचालित है जहाँ दुग्ध उत्पादक सदस्यों तथा अन्य स्टेकहोल्डर्स को पशु स्वास्थ्य, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन, ए०आई० आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्ष 2023-24 में लगभग 23,000 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है।पीसीडीएफ द्वारा 03 पशु आहार निर्माणशाला इकाई मेरठ, वाराणसी एवं अम्बेडकर नगर संचालित है जिनमे प्रत्येक की क्षमता 100 मी०टन प्रतिदिन है। मेरठ में 10 मी०टन क्षमता का मिनरल मिक्सचर प्लान्ट भी स्थापित है।

दुग्ध उपार्जन में गत वर्ष की तुलना में 71प्रतिशत की हुई वृद्धि

पशुआहार निर्माणशालाओं द्वारा उत्पादित पशुआहार एवं मिनरल मिक्सचर का विक्रय पराग ब्राण्ड के नाम से विक्रय किया जाता है। प्रदेश में सहकारिता के अन्तर्गत लगभग 18,108 दुग्ध समितियाँ रजिस्टर्ड है। वर्ष 2023-24 में कुल 1,046 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया गया है। आलोच्य वर्ष में लगभग 8,000 समितियों कार्यरत रही है जिनसे औसतन 3.60 लाख किग्रा० प्रतिदिन दुग्ध उपार्जन किया गया है। दुग्ध उपार्जन में गत वर्ष की तुलना में 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पोरर सदस्यों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में तरल दुग्ध विकय 1.78 लाख लीटर प्रतिदिन रहा है, जो गत वर्ष की तुलना में बढ़ा है। यदि गत 03 वर्षों की तुलना की जाय तो माह अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में दुग्ध उपार्जन में 73 प्रतिशत् पोरर सदस्यों में 10 प्रतिशत तथा औसत दुग्ध बिक्री में 07 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में डेयरी प्लाण्टस की स्थापित क्षमता के सापेक्ष 44 प्रतिशत उपयोगिता रही जो वर्ष 2022-23 से 7 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2023-24 में दुग्ध संघों का टर्न ओवर 968.50 करोड़ रहा जो वर्ष 2022-23 के टर्न ओवर 667.67 करोड़ से 300.83 करोड 46 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2023-24 में दुग्ध संघ बरेली, मेरठ, बस्ती एवं अयोध्या लाभ में रहे है।

महिला स्वयं सहायता समूह को पराग के मार्केटिंग एजेंट के रूप में जोड़ने का किया गया पयास

विपणन व्यवस्था के सशक्तिकरण हेतु पीसीडीएफ द्वारा ई-कामर्स पोर्टल को प्रारम्भ किया गया है जिसके माध्यम से उपभोक्ताओं के आनलाईन आर्डर पर पराग दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थ को उनके घर पर ही आपूर्ति की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में पराग दुग्ध उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ग्रामीण अंचल में संचालित महिला स्वंय सहायता समूहों को पराग के मार्केटिंग एजेन्ट के रूप में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है जिससे जहाँ एक ओर ग्रामीण स्तर पर शुद्ध एवं उच्च गुणवत्ता का दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद उपलब्ध होगा वही दूसरी ओर महिलाओं की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। विगत 02 वर्षों में पोर्टल के माध्यम से व्यवसाय में उत्तरोत्तर वृद्धि हुयी है।

अक्टूबर, 2024 में पोर्टल से लगभग 04 करोड़ का व्यवसाय किया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में लगभग 242 प्रतिशत अधिक है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किसानों को उनके दूध का उचित मूल्य दिलाने एवं उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता का पराग पैक्ड दूध एवं दुग्ध उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से बुन्देलखण्ड पैकेज अन्तर्गत प्राप्त निधि से बांदा में 20 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता के नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लान्ट की स्थापना एवं झांसी में ब्राउन फील्ड डेयरी प्लान्ट की क्षमता 10 हजार लीटर प्रतिदिन से 30 हजार लीटर प्रतिदिन तक विस्तारित करने का निर्णय लिया गया है। मथुरा में भी पराग ब्राण्ड की मांग के दृष्टिगत 30 हजार लीटर प्रतिदिन विस्तारित 01 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के डेयरी प्लाण्ट की स्थापना का निर्णय लिया गया है।

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