अपराध
Sambhal फर्जी ऑफिस, जाली दस्तावेज। जिंदा आदमी को बना देते मृत, हड़प लेते बीमा की राशि

धन कमाने की होड़ में भूल गए मानवता, जिंदा आदमी को मृत दिखाकर हड़पते बीमा की राशि
फर्जी बीमा पॉलिसी व पर्सनल लोन करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का एक सदस्य गिरफ्तार
बहजोई/संभल(सब का सपना):- थाना रजपुरा पुलिस टीम द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जी बीमा पॉलिसी व पर्सनल लोन करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का एक सदस्य पंकज कुमार ढाली पुत्र स्व० अतुल चन्द्र ढाली नि० ग्राम अरविन्दनगर थाना सितारगंज जनपद उधमसिंह नगर (उत्तराखण्ड) हाल निवासी वैशाली गाजियाबाद को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तारशुदा अभियुक्त के कब्जे से एक लैपटॉप व दो मोबाइल फोन व विभिन्न बैंकों की 39 चैक बुक व 7 डेबिट कार्ड व 28 आधार कार्ड व 23 पैन कार्ड बरामद किये गये है। बरामद अभिलेख दिल्ली, उत्तराखण्ड, पंजाब, उत्तरप्रदेश के रहने वाले व्यक्तियों से सम्बन्धित है। अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।अभियुक्त शाहरुख खान पुत्र सुखे खाँ निवासी भईयापुर थाना धनारी जनपद सम्भल, हीरेन्द्र कुमार पुत्र अनेकराम नि० ग्राम मेहुआ हसनगंज थाना रजपुरा जनपद सम्भल इत्यादि को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया था।
गिरफ्तारशुदा अभियुक्तगण के कब्जे से विभिन्न बैक (इण्डियन बैंक, उज्जीवन बैंक, उत्कर्ष बैंक, पेटीएम बैंक, फिनो बैंक, बैंक ऑफ बडौदा, बन्धन बैंक, सैन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया, भारतीय स्टेट बैंक) की 81 पासबुक व 16 चैक बुक व 35 डेबिट कार्ड व 25 आधार कार्ड व 18 पैन कार्ड व 51 बीमा पॉलिसी क्लेम फार्म व 31 मृत्यु प्रमाण पत्र व 17 बीमा पॉलिसी बोन्ड व 12 फोटो कांपी बीमा पॉलिसी व 2 लैपटॉप व 5 मोबाइल फोन व 7 भिन्न भिन्न सिम व विभिन्न बैंको की 18 सील मोहर व 1 मैट्रो ट्रेन कार्ड व दो बैंग बरामद किये गये हैं।
जीवित व्यक्ति को मृत दिखाकर बीमा की राशि इस तरह हड़पते थे
धर्मेन्द्र पुत्र बेनी सिंह नशे का आदी था, इसका लिवर खराब हो रहा था व इसकी आर्थिक स्थिति ठीक नही थी। यह व्यक्ति ज्यादा पढा लिखा नहीं है। गिरोह के सदस्यों शाहरुख खान, कल्पना व पंकज कुमार ढाली द्वारा धर्मेन्द्र को इलाज हेतु सरकारी आर्थिक सहायता दिलवाने के बहाने से उसके आधार व पैन कार्ड प्राप्त किये गये। पंकज कुमार ढाली द्वाराधोखाधडी से इन दस्तावेजों में धर्मेन्द्र का पता बदलवाया गया। इस बदले हुये पते के संशोधित आधार व पैन कार्ड को पंकज कुमार ढाली द्वारा शाहरुख खान को भेजा गया जिसमें धर्मेन्द्र के नाम पर आई.सी.आई.सी.आई, टाटा एआईए, रिलायन्स निप्पन, एच.डी.एफ.सी लाइफ इन्श्योरेन्स की कुल लगभग 90 लाख रुपये की बीमा पॉलिसी जनवरी से जुलाई 2024 के बीच में करायी गयी।
इन बीमा पॉलिसी का क्लेम पाने के लिये अभियुक्त शाहरुख खान द्वारा अभियुक्त विरेन्द्र, नबाज अहमद आदि के साथ मिलकर धोखाधडी से धर्मेन्द्र पुत्र बेनी सिंह के जी. बी पन्त में इलाज के दौरान मृत्यु सम्बन्धी प्रपत्र बनवाये गये और इन प्रपत्रों के आधार पर दिल्ली एम.सी.डी द्वारा 28.11.2024 की मृत्यु तिथि का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। 15.02.2025 को अभियुक्तगण शाहरुख खान इत्यादि की गिरफ्तारी होने के कारण अभियुक्तगण द्वारा क्लेम के लिये आवेदन नहीं किया गया जिससे अब तक की विवेचना में किसी भी पॉलिसी का भुगतान होना प्रकाश में नहीं आया है।
आरोपी पंकज कुमार ढाली ने बताया पर्सनल लोन की धोखाधडी इस तरह करते थे
किसी भी कम्पनी को खरीदना व कम्पनी सम्बन्धित सभी दस्तावेज पूरे करना। कम्पनी के डायरेक्टर के रुप में भोले भाले लोगो से डोक्यूमेन्ट प्राप्त कर उन्हें डायरेक्टर बना देना। उदाहरणतः अभियुक्त पंकज कुमार ढाली द्वारा वर्तमान में एक कम्पनी अर्श एन्टरप्राइजेज संचालित की जा रही है। जिसके दो अन्य व्यक्ति डायरेक्टर है परन्तु उन दोनों व्यक्तियों को इस सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं होना पाया गया।
फेलेनेक्स लैव प्राइवेट लिमिटेड जिसमें धर्मेन्द्र को कर्मचारी होना बताया है, इसी तरह की एक कम्पनी थी, जिसको फर्जी तरीके से अभियुक्त पंकज कुमार ढाली व अन्य व्यक्ति मनीष संचालित करते थे।इसके उपरान्त अभियुक्तगण बैंक को सम्पर्क करते थे ताकि वह अपने तथाकथित कर्मचारियों के सैलरी अकाउन्ट खोल सके। बैंक द्वारा सत्यापन हेतु इनके द्वारा एक फर्जी ऑफिस तैयार किया जाता था।कम्पनी में कर्मचारियों को दिखाने के लिये अभियुक्तगण द्वारा ऐसे व्यक्तियों को तलाश किया जाता था जोकि गरीब है और जिन्हें पैसे की अत्यन्त आवश्यकता है।
इन व्यक्तियों को लालच देकर इनसे इनके आधार व पैन कार्ड प्राप्त कर लिये जाते थे। इसके बाद सबसे पहले आधार कार्ड में कूटरचित दस्तावेज के आधार पर पते व मोबाइल नम्बर का बदलाव किया जाता था। इस संशोधित पते के आधार कार्ड का इस्तेमाल करते हुये अभियुक्तगण द्वारा पैन कार्ड में पते और हस्ताक्षर व मोबाइल नम्बर सम्बन्धित बदलाव किये जाते थे।यह बदलाव इसलिये किये जाते थे कि आधार कार्ड धारक या पैन कार्ड धारक तक कोई भी अन्य व्यक्ति ना पहुँच पाये।संशोधित आधार व पैन कार्ड से अभियुक्तगण तथाकथित कर्मचारियों के खाते बैंक में खुलवाते थे और धोखाधडी से इन व्यक्तियों का ई-केवाईसी कराते थे।
इन खातों को जिन मोबाइल नम्बर से लिंक किया जाता था उन सभी की सिम अभियुक्तगण द्वारा ही अपने पास रखी जाती थी। इन खातों से सम्बन्धित सभी चैकबुक व अन्य दस्तावेज अभियुक्तगण के पास से बरामद हुये है।खाते खुलने के उपरान्त अभियुक्तगण द्वारा इन खातों में सैलरी के रुप में धनराशि डाली जाती थी। अभियुक्तगण विभिन्न खातों में धनराशि को घुमाते रहते थे।पाँच से छः महीनों तक वेतन भुगतान के बाद बैंक द्वारा प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर किया जाता था, जिसे अभियुक्तगण तुरन्त इस्तेमाल करके लोन की राशि प्राप्त कर लेते थे। इस लोन की पाँच छः महीने तक वह किश्त चुकाते थे ताकि किसी को शक न हो और रिकवरी जल्दी शुरू न हो। बडे लोन का भुगतान तब तक करते थे जब तक अन्य तथाकथित कर्मचारियों के खातो में भी लोन का पैसा ना आ जाये।
जब कई कर्मचारियों के खातो में लोन का पैसा आ जाता था तब अभियुक्तगण लोन चुकाना बन्द कर देते थे। क्योंकि अभियुक्तगण पहले ही आधार व पैन कार्ड में पते का बदलाव कर चुके है और अधिकांश व्यक्ति मजदूर वर्ग के होते है जोकि भ्रमणशील रहते है, इसलिये रिकवरी के समय इन व्यक्तियों को तस्दीक कर पाना लगभग असम्भव होता है।विवेचना में यह पाया गया कि अभियुक्त पंकज कुमार ढाली द्वारा अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर धोखाधडी से पंजाब के गुरदासपुर, उत्तराखण्ड के हरिद्वार, उधम सिंह नगर व उत्तरप्रदेश के बरेली, बागपत, मेरठ, पीलीभीत, मुरादाबाद इत्यादि जिलो के लोगों को अपनी कम्पनी का कर्मचारी दिखाते हुये, कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पर्सनल लोन प्राप्त कर, लोन की राशि हडपने की धोखाधड़ी की गयी है।