अपराध
चंबल की घाटी का दुर्दांत डकैत जहां भी जाता देता रेप को अंजाम, ऐसे हुआ था अंत
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चंबल के विहड़ का नाम अक्सर जब आता है तब आज भी रूह कांपने लगती है हालांकि चंबल के बीहड़ में अब कोई भी डकैत नहीं रहा बताया जाता है कि एक समय चंबल की घाटी डकैतों के नाम से मशहूर हुआ करती थी अब तो वह एक टूरिस्ट स्थल बन चुका है लोग चंबल की घाटी में घूमने के लिए जाते हैं और वहां जो बदमाशों के ठिकाने हुआ करते थे उन्हें देखते हैं,आज कहानी बताएंगे हम चंबल के एक ऐसे डकैत की जिसका एक छत्र राज हुआ करता था उस समय उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के डकैत भी उससे घबराते थे नाम था निर्भय गुर्जर,
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निर्भय गुर्जर बहुत ही अय्यास किस्म का व्यक्ति था
वह जहां भी डकैती करता महिलाओं के साथ रेप करता खुद के तीन-तीन पत्नी हुआ करती थी बताया जाता है कि निर्भय गुर्जर ने इन सभी महिलाओं का अपहरण किया था और बाद में उन्हें अपनी पत्नी बना लिया था निर्भय गुर्जर का जन्म उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के पचदौरा गांव में सन 1961 में हुआ था निर्भय गुर्जर के पांच बहने और एक भाई भी था निर्भय गुर्जर के पिता के पास 7या 8 बीघा जमीन थी लेकिन पानी का साधन न होने की वजह से उस जमीन में कुछ नहीं हो पता था जिससे परिवार का लालन पालन करना मुश्किल हो गया था, तब निर्भय गुर्जर के मामा जो की गंगदासपुर के रहने वाले थे उन्होंने कहा कि आप हमारे गांव गंगासपुर आ जाओ और निर्भय गुर्जर के पिता मानसिंह अपने परिवार के साथ गंगदासपुर चले गए यह बात गंगदासपुर के लोगों को अच्छी नहीं लगी और वह निर्भय गुर्जर के मामा से दुश्मनी मानने लगे थे और यहीं से निर्भय गुर्जर के आतंक का रास्ता शुरू होता है पूरा गांव एक तरफ था वहीं निर्भय गुर्जर के मामा एक तरफ वह नहीं चाहते थे कि मान सिंह अपनी ससुराल में रहे उस समय तक निर्भय गुर्जर की लगभग 25 वर्ष उम्र हो चुकी थी निर्भय गुर्जर ने पहली डकैती जालौन जनपद के चुरकी गांव में एक अमीर शख्स के घर में की थी लेकिन तभी निर्भय गुर्जर को पुलिस गिरफ्तार कर लेती है और जेल भेज देती है जैसे ही निर्भय गुर्जर जेल से रिहा होता है तो वह उस समय के नामी लाला राम के गैंग में शामिल हो जाता है जिसका विहड़ में आतंक हुआ करता था डाकू लालाराम गैंग में रहकर निर्भय गुर्जर ने अपहरण लूटपाट डकैती जैसी घटनाओं को अंजाम दिया उसके बाद जब निर्भय गुर्जर के पास धन इकट्ठा हो गया तो निर्भय गुर्जर ने अपना एक अलग गैंग बनाया जिसमें लगभग 60 डकैत हुआ करते थे निर्भय गुर्जर के पास 315 बोर AK-47 ,AK 56 जैसे हथियार हुआ करते थे बताया जाता है कि डाकू लालाराम ने निर्भय गुर्जर की शादी सीमा परिहार से कर दी थी लेकिन जब सीमा परिहार को यह पता लगता है कि निर्भय गुर्जर जहां भी डकैती डालता है वहां महिलाओं के साथ रेप करता है जब इस सच्चाई का सीमा परिहार को पता चलता है तो यह लोग आपस में अलग हो जाते हैं उसके बाद डाकू निर्भय गुर्जर नीलम गुप्ता नामक एक लड़की का अपहरण करता है और कुछ समय के बाद उससे शादी कर लेता है वही निर्भय गुर्जर का एक मुंह बोला बेटा श्याम गुर्जर हुआ करता था बताया जाता है कि निर्भय गुर्जर ने श्याम गुर्जर का भी अपहरण ही किया था लेकिन गैंग में साथ रहने के बाद श्याम गुर्जर को भी डकैत बना दिया गया और इसी दौर में निर्भय गुर्जर ने एक और लड़की का अपहरण किया जिसका नाम था सरला और सरला से श्याम गुर्जर की शादी करा दी थीं एक दिन श्याम गुर्जर ने अपनी पत्नी सरला के साथ रंगे हाथ निर्भय गुर्जर को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया और यही से डकैत श्याम गुर्जर की मौत की पटकथा लिखी जाती है श्याम गुर्जर निर्भय गुर्जर की दूसरी पत्नी नीलम गुप्ता को साथ लेकर और जो भी धन निर्भय गुर्जर के पास था उसे बांधकर दोनों फरार हो जाते हैं और पुलिस में सरेंडर हो जाते हैं पुलिस को निर्भय गुर्जर के हर एक ठिकाने के बारे में नीलम गुप्ता और श्याम गुर्जर के द्वारा बताया जाता है तब पुलिस निर्भय गुर्जर के ठिकानों पर छापेमारी करती है और सन 2005 में पुलिस के द्वारा जाल बिछाया जाता है और निर्भय गुर्जर को मौत की नींद सुला दिया जाता है
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