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अलग अलग जगहों पर कहीं आठ तो कहीं दस वर्षों से डॉक्टर दे रहें अपनी सेवाएं रिश्वत को लेकर भी लग चुके हैं आरोप

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chc prabhari ke khilaaf bajrang dal key karyakratao ka pradershan

अमरोहा/यूपी:- जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है इसे नकारा नहीं जा सकता। एक आम आदमी सरकारी अस्पताल न जाकर झोलाछाप के यहां इलाज कराना मुनाशिव समझता है इससे साफ हो जाता है कि एक आम आदमी सरकारी अस्पतालों के सरकारी डॉक्टरों पर कितना भरोसा कर रहा है। आए दिन खबरें प्रसारित होती रहती हैं। कहीं किसी झोलाछाप के द्वारा इंजेक्शन लगाने के बाद तो कहीं किसी महिला के ऑपरेशन के बाद आए दिन जनपद भर में मोतो का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। खबरें लगातार प्रसारित होती रहती है लेकिन शायद सिस्टम में कुछ भी सुधार होता हुआ देखा नहीं जा सकता। पिछले ही दिनों हमारी टीम ने जब क्षेत्र का दौरा किया था तो कहीं तो अस्पताल बंद मिले तो कहीं डॉक्टर नदारद। इन सभी सवालों के तथ्य समझने के लिए हम निकल पड़े क्षेत्र का दौरा करने के लिए जब क्षेत्र का दौरा किया तो पता चला की एक ही डॉक्टर एक ही जगह पर जब इतने लंबे समय आठ से दस वर्षो तक नियुक्त रहेगा या यू कहे की एक ही स्थान पर साल दर साल नौकरी करता रहेगा तो उसके संबंध राजनीतिक लोगों के साथ तो हो ही जाते हैं। वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र के भ्रष्ट लोगों के साथ मिलकर वह भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाता है। इसके बाद उसका दिल उस जगह से दूसरी जगह जाने के लिए नहीं करता या यूं कहें कि एक ही जगह का वह डॉक्टर दीवाना बन जाता हैं। आपको बता दे की सीएचसी रहरा में लगातार 8 वर्षों से डॉक्टर सौरभ त्यागी की तैनाती है वहीं दूसरी तरफ गजरौला सीएचसी में सीएचसी प्रभारी योगेंद्र सिंह की तैनाती लगभग दस वर्षों से है दोनों में कुछ भी अंतर नहीं है। सौरभ त्यागी व गजरौला सीएचसी अधीक्षक के खिलाफ लगातार किसान यूनियन, समाज सेवी संगठनों के द्वारा रिश्वत के भी आरोप भी लगे हैं। और और कई अन्य अखबारों में समय-समय पर उनके विरोध में खबरें भी छपी हैं। लेकिन उसके बाद भी इन डॉक्टरों का एक ही जगह पर नियुक्त रहना अपने आप पर यानी कि सिस्टम पर सवाल खड़े करता है। या यह कहा जाए कि सिस्टम के उच्च अधिकारियों से मिली भगत दर्शाता है।

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