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सरकार की मंशा पर ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायत सहायकों ने लटका दिए ताले

अमरोहा/यूपी:-उत्तर प्रदेश की योगी सरकार चाहें कितने ही दावे कर ले कि वह विकास कर रहे हैं। लेकिन जमीनी हकीकत शायद कुछ और ही है।सरकार की मनसा है कि किसी भी ग्रामीण को अब ब्लॉक व तहसीलों के चक्कर न काटने पड़े लेकिन जिम्मेदार सरकार की मनसा पर पानी फेरने में लगे हुए हैं। चाहे कितने ही दावे कर ले कि वह अब हर एक ग्रामीण को जाति प्रमाण पत्र,आय प्रमाण पत्र व अन्य प्रमाण पत्र गांव में ही मिलेंगे। इसी मनसा को साकार करने के लिए सरकार के द्वारा ग्राम पंचायतो में मिनी सचिवालय बनवाए गए। गांव को स्वच्छ बनाए रखने के लिए गांव के अंदर सार्वजनिक शौचालय भी बनाए गए। जिनमें सरकार के द्वारा 15 से 20 लाख रुपए हर ग्राम पंचायत पर खर्च किया गया। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। अक्सर आपको ग्रामीण अंचल के लोग ब्लॉक व तहसील स्तर पर चक्कर काटते हुए नजर आ जाते हैं। जब तहसील व ब्लॉक के चक्कर काटने वाले ग्रामीणों से पूछा जाए कि अब आपको ब्लॉक आने की आवश्यकता नहीं है। अब तो आपके गांव में ही मिनी सचिवालय बन गए हैं। यानी की पंचायत भवन। आप वहां जाइए, आपका काम वहीं से होगा। तब ग्रामीणों के द्वारा एक ही जवाब मिलता है कि भैया कहां और किसके पास मिनी सचिवालय यानी की पंचायत भवन में तो ताले लटके हुए रहते हैं। वहां पर कोई नहीं बैठता। जब इन सभी बातों को जानने के लिए हमारी टीम ने 9 फरवरी दिन शुक्रवार को अमरोहा जनपद के विकासखंड गंगेश्वरी के ग्रामीण अंचल का दौरा किया। तो ग्रामीणों द्वारा कही गई बात सच निकली। कहीं पंचायत भवन में ताला लटका मिला तो कहीं पंचायत भवन का मेन गेट तो खुला था लेकिन कार्यालय में ताला लटक रहा था।
सबसे पहले 10:52 पर जब हमारी टीम ग्राम पंचायत दौलतपुर कला के पंचायत भवन पर पहुंची तो देखा कि मेंन गेट का ताला खुला हुआ है लेकिन कार्यालय और कंप्यूटर कक्ष दोनों का ताला बंद है। पंचायत भवन पर 10:52 पर कोई नहीं मिला।

11:13 पर जब हमारी टीम ग्राम पंचायत गांगटकोला पहुंची तो देखा कि पंचायत भवन बंद है और चारों तरफ गंदगी पसरी हुई है इतना ही नहीं खुद पंचायत भवन भी देखने में ऐसा लग रहा था जैसे कि यह पंचायत भवन ही नहीं है। खुद पंचायत भवन रो-रोकर बयां कर रहा था कि वह महीनों से खुला ही नहीं है। वहीं दूसरी तरफ सामुदायिक शौचालय का हाल भी कुछ कम नहीं था। शौचालय के अंदर गंदगी पसरी हुई थी।

तीसरे नंबर पर हमारी टीम 11:35 पर ग्राम पंचायत सकरौली के पंचायत भवन बड़ी मिलक पहुंची तो वहां पर भी पंचायत भवन का ताला लटका हुआ मिला।

उसके बाद हमारी टीम 11:49 मिनट पर ग्राम पंचायत गुलामपुर पहुंचीं तो वहां का नज़ारा भी कम नहीं था। सामुदायिक शौचालय का ताला लटका हुआ था। महिला शौचालय का ताला खुला हुआ था लेकिन उसके अंदर भी गंदगी पसरी हुई थी।

पांचवें नंबर पर हमारी टीम 12:54 मिनट पर ग्राम पंचायत पिपलोती खुर्द पहुंची। लेकिन ग्राम पंचायत सचिवालय का ताला यहां पर भी लटका हुआ ही मिला।

उसके बाद हमारी टीम 1:05 पर पंचायत भवन ग्राम पंचायत सिरसा गुर्जर पहुंची लेकिन यहां का नजारा तो बिल्कुल अलग ही था। बताया जाता है कि पंचायत भवन ग्राम प्रधान के घर के बिल्कुल पास में ही है उसके बाद भी पंचायत भवन पर ताला लटक रहा था। जब इन सभी पंचायत भवन और शौचालय के विषय में जानने के लिए विकासखंड गंगेश्वरी के विकासखंड अधिकारी के सरकारी नंबर पर कॉल की गई तो घंटी जाती रही लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ।
