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फर्जीवाड़ा:- मुकदमा पंजीकृत कराने की धमकी देकर उगाहते थे लाखों रुपए महीना, चार गिरफ्तार

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बहजोई/संभल(सब का सपना):- जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई के निर्देशन में गैर-पंजीकृत अस्पतालों और झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग और राजस्व विभाग ने 16 सितंबर को जनपद में 31 अवैध अस्पतालों और क्लीनिकों की जांच की। इस दौरान अनियमितताएं पाए जाने पर 19 अभियोग पंजीकृत किए गए। जांच के लिए आवश्यक पुलिस बल भी उपलब्ध कराया गया था।

पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) अनुकृति शर्मा के नेतृत्व में गठित टीमों द्वारा गहन जांच की। जांच में सामने आया कि कई गैर-पंजीकृत अस्पताल और क्लीनिक पहले भी अवैध संचालन के लिए अभियोगों का सामना कर चुके थे, लेकिन वे बिना पंजीकरण के पुनः संचालित हो रहे थे। विवेचना के दौरान यह भी पता चला कि जगतपाल पुत्र जवाहरलाल (निवासी सादातवाडी, थाना बहजोई), प्रेम सिंह पुत्र गंगा सिंह (निवासी अहरौला नवाजी, थाना जुनावई), बबलू गिरि पुत्र आनंद गिरि (निवासी बहटकरण, थाना रजपुरा), संगम पुत्र नंदकिशोर (निवासी कर्मधर्म, थाना नरौरा, बुलंदशहर), नितिन उर्फ नितेंद्र नाथ गुप्ता (निवासी चंदौसी ग्रीन, थाना चंदौसी), राजीव कौशिक (निवासी सरायतरीन, कोतवाली सम्भल), और गौरव बंसल (निवासी महाजन स्ट्रीट, थाना चंदौसी) अवैध अस्पतालों और क्लीनिकों से मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देकर 1 से 10 लाख रुपये तक की अवैध वसूली करते थे। शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी भी दी जाती थी। यदि किसी अस्पताल में कोई घटना होती, तो उसके लिए अतिरिक्त राशि वसूली जाती थी।

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता

जांच में पता चला कि नितिन उर्फ नितेंद्र नाथ गुप्ता पीएचसी अहरौला में वार्ड बॉय और गौरव बंसल सीएचसी बहजोई में फिजियोथेरेपिस्ट के पद पर कार्यरत हैं। इसके अलावा, प्रेम सिंह की पत्नी 2016 से जुनावई में एएनएम और बबलू गिरि की पत्नी 2019 से वार्ड आया के पद पर कार्यरत हैं। विवेचना में दो ऐसे मामले सामने आए, जिनमें अस्पताल संचालकों को कूटरचित पंजीकरण प्रमाण पत्र दिए गए।

कृष्णा नर्सिंग होम, गुन्नौर

जगतपाल ने संचालक से पंजीकरण के नाम पर 1.5 लाख रुपये लिए और कूटरचित प्रमाण पत्र दिया, जो इंदिरा आईवीएफ हॉस्पिटल लिमिटेड, कानपुर नगर का निकला। अस्पताल का पंजीकरण अभी लंबित है, और संचालक के खिलाफ पहले भी अवैध संचालन का मामला दर्ज था।

लाइफ केयर हॉस्पिटल, बहजोई

जगतपाल ने 4 लाख रुपये लेकर कूटरचित प्रमाण पत्र दिया, जो सीड्स ऑफ इनोसेंस आईवीएफ एंड फर्टिलिटी सेंटर, कानपुर नगर का था। अस्पताल में सिजेरियन प्रसव जैसे कार्य भी हो रहे थे, जबकि पंजीकरण लंबित है।

गिरफ्तारी और कार्रवाई

जगतपाल, प्रेम सिंह, बबलू गिरि, और संगम को गुन्नौर चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्तों को न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन इस मामले में और सख्त कार्रवाई की तैयारी में है ताकि अवैध अस्पतालों और वसूली के इस नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जा सके।

प्रशासन का बयान

जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने कहा, गैर-पंजीकृत अस्पताल और झोलाछाप चिकित्सक जनता की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।” पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने भी आश्वासन दिया कि इस तरह की आपराधिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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