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उत्तर प्रदेश

Amroha news सरकार की यह योजना बना रही महिलाओं के लिए वरदान

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जनपद में गरीब लोगों के लिए वरदान बनी :- जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स

अमरोहा (सब का सपना) :- जिले की जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स जिले में रहने वाले गरीब लोगों के लिए वरदान बन चुकी है। जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स के सार्थक प्रयासों से सरकार की सभी योजनाओं का लाभ गरीब लोगों को मिल रहा है। जहां सभी गरीब लोग सरकार की योजना का लाभ ले रहे है। इसके बाद स्वयं रोजगार करने वालों ने जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स और प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया हैं।

इस दौरान विभाग के मुखिया परियोजना निदेशक अमरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा अमरोहा जिले में मेहनत और लगन के साथ कार्य किया जा रहा है। जो ना केवल क्षेत्र में विकास कार्य कर रहे हैं, बल्कि सरकार की योजनाओं को भी गरीब लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। परियोजना निदेशक अमरेंद्र प्रताप सिंह के कड़े प्रयासों के बाद ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत समूह की महिलाएं अपना स्वयं का रोजगार करके अपना ओर अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है। अमरोहा जिले में बड़े पैमाने पर अमरोहा जिले के सभी विकास खंडों में समूह की महिलाएं तरह-तरह के रोजगार और व्यापार को बढ़ावा दे रही हैं।

इस दौरान परियोजना निदेशक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया है कि विकासखंड जोया क्षेत्र की ग्राम पंचायत सरकड़ी अजीज में कार्तिक स्वयं सहायता समूह की सदस्य उषा रानी के द्वारा कॉस्मेटिक दुकान समोसा की सिलाई पशुपालन का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान सदस्य उषा देवी ने बताया कि समूह में जोड़ने से पहले उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी उनके पति जो कमाता था। उस घर का खर्चा नहीं चल पाता था। वही परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने से बच्चों की पढ़ाई लिखाई भी प्रभावित हो रही थी।

समूह से जुड़ने के बाद उषा देवी ने बताया कि ब्लॉक में कुछ अधिकारी समूह की बैठक करने आए थे। तो मुझे भी एक बैठक की जानकारी मिली तो मैं उसे बैठक में गई बैठक में जानकारी मिली, उसे सुनने के बाद मैंने भी अपना मन समूह से लगा लिया। इसके बाद उन्होंने समूह बनाने के लिए 10 सदस्य जोड़े और रीमा देवी BMM को बुलाकर समूह की बैठक कराई। इसके बाद समूह का गठन हुआ। हम लगातार अपनी बचत जमा करने में लगे। दिनांक 7 जनवरी 2022 को हमारे समूह में आर एफ ₹15000 आए, समूह में जुड़े होने के कारण मैंने RCT से सिलाई की ट्रेनिंग ली। और मैंने आर एफ ₹8000 लिए।

इसके बाद उन्होंने सिलाई मशीन खरीदी और फिर धीरे-धीरे कपड़े सिलने और लड़कियों को सिलाई सीखनी शुरू कर दी। शुरू कर दी लाख 50000 का लोन कराया, उसमें से 50000 रुपए लेकर दो गाय और खरीदी। उषा देवी ने बताया कि 10 से 15 किलो दूध रोजाना भेजती है। जिससे अच्छी आमदनी होती है।

दूध बेचकर कॉस्मेटिक दुकान सिलाई और समूह सखी के काम में मासिक आय ₹30000 हो जाती है। अपनी आय के अनुसार किस्तों के द्वारा समूह का पैसा भी वापस कर रही है उषा देवी ने बताया कि आज मैं अपने पति की सहायता कर पढ़ाती हूं और अपने बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दे रही हूं।

विकासखंड धनौरा में ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायत हैबतपुर चौधरिया में आशा की किरण स्वयं सहायता समूह की सदस्य पूनम दीदी कैंटीन संचालक एवं सिलाई का कार्य करतीहैं। जिनकी औसत वार्षिक आय 5 लाख रुपए है।पूनम ने बताया है कि उन्हें समूह का गठन उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत चार वर्ष पूर्व किया गया था। समूह में जोड़ने के बाद पूनम ने सिलाई कार्य करना शुरू किया। उससे उनका₹300 से ₹400 तक की आमदनी प्रतिदिन होने लगी।

इसके बाद पूनम ने अपने साथ समूह की अन्य महिलाओं को साथ लेकर सीआईएफ की धनराशि प्राप्त करके आवश्यक सामग्री एवं उपकरण खरीद कर ब्लॉक परिसर में कैंटीन संचालक का कार्य करना शुरू कर दिया है। पूनम ने विकास खंड में आने वाले लोगों को शुद्ध भोजन उपलब्ध कराकर लोकप्रियता हासिल की है। पूनम ने कैंटीन संचालक के साथ घर पर जाकर सिलाई कार्य भी करती है। जिससे उनकी सभी स्रोतों में कुल वार्षिक आय 5 लाख रुपए हो जाती है।

वही विकासखंड हसनपुर क्षेत्र की ग्राम पंचायत ताहरपुर में लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की सदस्य सुमन देवी ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत मुर्गी पालन किया है। जिनकी औसत वार्षिक आय 240000 है।

सुमन देवी ने बताया कि समूह से जुड़ने से पहले एक समय ऐसा था जब सुमन देवी का अधिकतर समय घर की चौखट के अंदर गुजरा था पति की आय पर निर्भर रहती थी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी आर्थिक तंगी ने इन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित किया क्योंकि उनके मन में आत्मनिर्भर बनने की चाहत थी। इसके बाद इन्होंने एन आर एल एम के जरिए एक समूह लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह का गठन किया और आजीविका संबंधित जानकारी ली।

लक्ष्मी समूह के अध्यक्ष ने बताया कि लक्ष्मी समूह का गठन 30 अप्रैल 2021 को हुआ था जिसमें 26 जनवरी 2022 को रिवाल्विंग फंड के ₹15000 प्राप्त हुआ था। और दिनांक 29 जनवरी 2022 को सीआईएफ की धनराशि 110000 भी प्राप्त हो गई इस समूह को कैसे क्रेडिट लिख इसके रूप में एक लाख की स्वीकृति भी मिल गई जिससे सुमन देवी ने वर्ष 2022 में 40 पेटियां खरीद कर मधुमक्खी पालन का कार्य शुरू किया था।

जिसके बाद में काम बढ़कर आसपास के क्षेत्र में मधुमक्खी पालन के लिए पत्तियां रखवानी शुरू कर दी। शहर बेचकर इन्होंने 10000 से ₹12000 प्रति महीना आमदनी इसके साथ ही वर्ष 2023 में 3000 मुर्गी बच्चे खरीद कर मुर्गी पालन का कार्य भी शुरू किया मुर्गी पालन के कार्य शुरू करके अधिक तरक्की मिली जिससे वह 20000 से 25000 प्रति महीना आमदनी कर रही हैं।

वही विकासखंड गजरौला क्षेत्र की ग्राम पंचायत अहरौला तेजवन में कृष्ण स्वयं सहायता समूह की सदस्य रीना ने दूध की डेरी का संचालन किया। जिसमें उनकी वार्षिक आय 5 लाख रुपए है। वही रीना कृष्ण स्वयं सहायता समूह से जो न केवल कामयाबी हैं। बल्कि नए आत्म विश्वास से भरी अपनी अलग पहचान की अपनी इबादत भी लिख रही हैं।

उन्होंने बताया है कि उसमें पहले तक यह की महिला गांव में घर-घर जाकर दो दिखाता करती थी अब रीना ने खुद की दूध की देरी खोली है। स्वयं सहायता समूह की बदौलत अब इनका जीवन पहले जैसा नहीं रहा अब अपने परिवार का खर्च खुद ही चलते हैं रीना अब समूह की बैठक करके अधिक से अधिक महिलाओं को आजीवी का गतिविधियों से जोड़ने का कार्य करती है। रीना की वार्षिक आय 4 से 5 लाख रुपए के आसपास हो जाती है।

साथी विकासखंड गंगेश्वरी क्षेत्र की ग्राम पंचायत आदमपुर में नई ज्योति स्वयं सहायता समूह की सदस्य योगेश देवी ने आजीविका के अंतर्गत ब्यूटी पार्लर कॉस्मेटिक शॉप सिलाई कार्य का संचालन किया है। जिसमें उनकी वार्षिक आय 300000 लाख रूपए है।

योगेश देवी ने बताया कि समूह से जुड़ने से पहले मेरी आर्थिक और सामाजिक स्थिति ज्यादा ठीक नहीं थी पति के पास कोई नौकरी भी नहीं थी इनकम का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा था घर का खर्चा चलाना बहुत मुश्किल था। योगेश देवी ने बताया कि बदायूं से चार-पांच महिलाएं हमारे गांव में आई थी उनके द्वारा ही मुझको पता चला कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ना चाहिए और उसके बाद में समूह से जुड़ी। और मेरे समूह की महिलाओं ने मेरी बहुत सहायता की। और बैंक से सीसीएल कराई। जिससे कि मेरी सामाजिक और आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है।

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