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भागवत को अपने जीवन में उतारने से होगा उद्धार , भागवत शरण महाराज

भक्ती श्रध्दा के साथ खीर वाली मैया पर श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन
छाता/मथुरा(राजकुमार गुप्ता):- क्षेत्र के अलवाई सांखी मध्य खीर वाली मैया मन्दिर प्रांगण पर चल रही श्रीमदभागवत कथा का आज समापन दिवस रहा। कथा के अंतिम दिन श्रीमद् भागवत का रसपान पाने के लिए भक्तों का सैलाब कथा स्थल पर उमड़ पड़ा। कथावाचक भगवत शरण जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का समापन करते हुए कई कथाओं का भक्तों को श्रवण कराया। जिसमें प्रभु कृष्ण के 16 हजार शादियां के प्रसंग के साथ, सुदामा प्रसंग और परीक्षित मोक्ष की कथायें सुनाई।
वही महाराज जी ने युवा पीढ़ी की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज के युवा अपनी संस्कृति और सभ्यता से दूर हो रहे हैं। मेरा सभी से आग्रह है कि युवा पीढ़ी समाज , ब्राह्मण गौ माता एवं धर्म का सम्मान करें और पश्चिमी सभ्यता में न बहे क्रोध के कारण संत ब्राह्मण या धर्म का अपमान ना करें, चाहे वह भगवान के ही वंशज यदुवंशी ही क्यों ना हो उन्होंने 24 गुरुओं के द्वारा मानव जीवन सुलभ जीने के लिए बहुत ही सुंदर शिक्षा बताई। और कहां धर्मो रक्षति रक्षति ।
साथ ही भक्तो को बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है, तो वहीं इसे कराने वाले भी पुण्य के भागी होते है।इन कथाओं को सुनकर सभी भक्त भाव विभोर हो गए। कथा समापन के दौरान महंत निकुंज बिहारी, मोहनदास बाबा, नारायण दास, बलराम बाबा, ग्वारिया बाबा,राधिका शरण बाबा ,विजेंद्र पुजारी, विजय पुजारी आदि मौजूद रहे