अपराध
जिसकी जलकर हो चुकी थी मौत, वह तो निकला जिंदा, पत्नी ने अपना पति होने से कर दिया था इनकार
आज कहानी एक ऐसे शख्स की जिसने अपनी मौत के बाद काफी सवाल छोड़ दिए थे। सच तो कुछ और था। लेकिन जनता के सामने जो आया वह कुछ और था। इस कहानी के पीछे एक सच्चा आरटीआई सिपाही, एक पति का चेहरा, और एक आशिक का चेहरा या फिर यह कहें कि वह तो एक कातिल था यह पूरी कहानी शुरू होती है अब
वह तो आरटीआई एक्टिविस्ट था सूचना के अधिकार का खूब इस्तेमाल कर रहा था जनता उसे सच्चा सिपाही मांन बैठी थी लेकिन एक दिन उस व्यक्ति की कार में जलकर मौत हो जाती है या यह कहें कि कार में जली हुई लाश मिलती है लेकिन मामला पूरा तब घूम जाता है जब 4 महीने के बाद वह शख्स जो कार में जलकर मर चुका था वह जिंदा मिल जाता है यह कहानी काफी चौका देने वाली है इस घटना का जब पुलिस ने खुलासा किया था तो चक्कर में डाल दिया था आज इस सच्ची कहानी में हम आपको बताएंगे कैसे एक शख्स के कई चेहरे होते हैं वह चेहरे जिसे शायद हर कोई ना पहचान सके आखिर जिस शख्स की कहानी हम आपको बता रहे हैं उसके पीछे की वजह क्या थी क्यों उसने अपने आप को जिंदा रहते हुए मुर्दा साबित करने की कोशिश की आखिर वह राज क्या था?
स्थान ग्रेटर नोएडा का एल्डिको गोल चक्कर
1 में 2014 को पुलिस को खबर मिलती है कि ग्रेटर नोएडा के एल्डिको गोल चक्कर के पास एक होंडा सिटी कर में आग लग गई, जब तक पुलिस मौके पर पहुंचती है, तब तक कार पूरी तरीके से जल चुकी थी, और साथ में एक शख्स था, जो ड्राइवर सीट पर बैठा था, और वह भी पूरी तरीके से जल चुका था। पुलिस की जांच से पता चलता है कि कार किसी और कि नहीं बल्कि आरटीआई कार्यकर्ता चंद्र मोहन शर्मा की है। चंद्र मोहन शर्मा की कार में जलकर मौत हो जाना पूरे इलाके में का चर्चा का विषय बन जाता है। और उसके पीछे की मुख्य वजह थी कि चंद्र मोहन शर्मा की पहचान इलाके में एक सच्चे आरटीआई एक्टिविस्ट की थी एक सच्चे आरटीआई एक्टिविस्ट सिपाही की थी। वही चंद्र मोहन शर्मा पहले से ही पुलिस को जान से मारने की धमकियों को लेकर प्रार्थना पत्र दे चुका था
पत्नी ने कहा कि यह मौत नहीं बल्कि हत्या है
आरटीआई एक्टिविस्ट की मौत पर सवाल तो उठ ही रहे थे। वहीं पत्नी ने भी कह दिया था कि यह कोई मौत नहीं बल्कि एक हत्या है। इस पूरे मामले को लेकर पुलिस भी सजग हो चुकी थी, क्योंकि मामला एक सच्चे आरटीआई एक्टिविस्ट का जो था, वही पत्नी के द्वारा हत्या बताना यह भी अपने आप में बड़ा सवाल था। और अब पुलिस उन अनजान दुश्मनों की तलाश करने में लग जाती है और पुलिस इस पूरे मामले को लेकर जांच करना शुरू कर देती है
पुलिस की जांच में मुर्दा आदमी हो गया जिंदा
पुलिस पूरे मामले की जांच बहुत सतर्कता के साथ कर रही थी। पुलिस को पता चलता है कि जहां चंद्र मोहन शर्मा रहता है इस एरिया से एक लड़की भी उसी दिन से गायब है पुलिस उस लड़की का नंबर लेती है और उस नंबर का जब रिकॉर्ड निकाला जाता है, तो वह नंबर चंद्र मोहन शर्मा के नाम पर रजिस्टर्ड पाया जाता है। अब पुलिस इस बात से अचंभित थी कि आखिर यह लड़की चंद्र मोहन शर्मा के नाम पर नंबर क्यों चल रही है। पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल करती है, और उस नंबर की जब लोकेशन ट्रेस करती है तो वह नंबर नेपाल में एक जगह लोकेशन दिखता है और पुलिस नेपाल में ही मौके पर पहुंचती है और जो पुलिस वहां देखते हैं वह काफी चौका देने वाला था क्योंकि चंद्र मोहन शर्मा और वह लड़की दोनों एक साथ थे
पुलिस के लिए बड़ा सवाल था कार में जलकर आखिर किसकी मौत हुई?
एक मुर्दा इंसान जब जिंदा किसी के भी सामने आए तो अचानक से काफी सवाल तो उठ ही जाते हैं और यही हुआ इस केस में भी, जब चंद्र मोहन शर्मा जिंदा पकड़ा जाता है तो सवाल उठते हैं लेकिन पुलिस पूछताछ में जो सच सामने आता है वह चौका देने वाला था पुलिस चंद्र मोहन शर्मा व उसकी गर्लफ्रेंड से पूछताछ करती है तो पता चलता है कि वह जो कार में जलकर मर गया वह तो एक भिखारी था
आखिर चंद्र मोहन शर्मा ने ऐसा क्यों किया?
बताया जाता है कि चंद्र मोहन शर्मा ग्रेटर नोएडा के अल्फा 2 सेक्टर के मकान नंबर f38 में अपनी पत्नी सविता शर्मा के साथ रहता था, लेकिन ग्रेटर नोएडा के चर्चित भट्टा कांड के दौरान वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर राहत का काफी काम करता है। इसके बाद से ही वह आरटीआई के जरिए काफी अहम जानकारी जुटाता है लेकिन इसी बीच चंद्र मोहन की दोस्ती मोहल्ले में रहने वाली एक लड़की से हो जाती है और वह दोस्ती कब प्यार में बदल गई यह पता भी नहीं चलता। लेकिन प्यार में पागल चंद्र मोहन शर्मा अपनी गर्लफ्रेंड पर खर्च करता है जिसकी वजह से उसके ऊपर काफी कर्ज हो जाता है इस कर्ज से परेशान होकर वह थाने में अपने अनजान दुश्मनों के खिलाफ फर्जी एफआईआर भी देता है
प्रेमिका के साथ मिलकर रची थी खौफनाक साजिश
बताया जाता है प्रेमिका के साथ मिलकर चंद्र मोहन ने साजिश रचना शुरू कर दिया था और अब उसे तलाश थी, अपने ही कद काठी के एक मजबूर की और उसकी तलाश तब खत्म हो जाती है जब उसके ही कद काठी का एक भिखारी उसे दिख जाता है। पहले तो उस भिखारी का कत्ल किया जाता है और उसके बाद कार में बैठा कर स्वयं चंद्र मोहन शर्मा के द्वारा ही कार को आग के हवाले कर दिया जाता है और गर्लफ्रेंड के साथ चला जाता है नेपाल। उसके पीछे की वजह थी कि चंद्र मोहन शर्मा ने इंश्योरेंस कर रखा था, जिससे कि इंश्योरेंस के पैसे मिलने के बाद वह कर्ज दारो का कर्ज उतार देता। हालांकि इस पूरे मामले का जब पुलिस ने खुलासा किया और सच उजागर किया,तब भी उसकी पत्नी का कहना था कि नेपाल में पकड़ा गया शख्स उसका पति नहीं बल्कि कोई और है। बताया जाता है कि पुलिस ने कार में मिली लाश का जब पोस्टमार्टम कराया था। तो तभी उसके दांत निकालकर रख लिए थे ताकि डीएनए के जरिए मरने वाले की पहचान हो सके। यह मामला काफी लंबे समय तक चर्चा का विषय बना रहा था इस मामले में पुलिस ने चंद्र मोहन और उसकी गर्लफ्रेंड के खिलाफ मामला दर्ज करके उन दोनों को जेल भेज दिया था। इस पूरे मामले को लेकर आप क्या समझते हैं। हमें कमेंट बॉक्स में जाकर बताएं
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