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अक्षय नवमी पर अक्षय पुण्य प्राप्ति के लिए भक्तों ने लगाई परिक्रमा

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मथुरा(राजकुमार गुप्ता):- नवमी के पर्व पर अक्षय पुण्य की प्राप्ति की कामना के  लिए श्रध्दालु उमड़ पड़े। मथुरा, वृंदावन और छटीकरा का समूचा परिक्रमा मार्ग में श्रद्धा भक्ति की अनूठी छटा विखर रही थी। 


अक्षय नवमी पर बीती देर रात से तीन वन की 21 कोसीय परिक्रमा प्रारंभ हो गई थी। कोई सिरों पर अपने सामान के बैग रख कर चल रहा था तो कोई अपने आराध्य को हाथों में लेकर परिक्रमा लगा रहा था। कोई अपने बच्चों और परिवार के साथ परिक्रमा लगा रहे थे। मथुरा के परिक्रमा मार्ग के मंदिर यमुनाजी, द्वारिकानाथ, ध्रुव टीला , कंकाली देवी मंदिर, भूतेश्वर महादेव मंदिर, श्रीकृष्ण जन्मवस्थान, केशवदेवजी मंदिर, महाविद्या देवी मंदिर, चामुंडा देवी मंदिर,  छटीकरा के गरूण गोविंद मंदिर, वृंदावन के काली दह, जुगल घाट, केशीघाट , टटिया स्थान होकर राजपुर गांव से निकलकर तीन वन की परिक्रमा लगा कर अपने को धन्य मान रहे थे। जो श्रद्धालु केवल वृंदावन की परिक्रमा लगा रहे थे वे  चामुंडा देवी मंदिर होकर  परिक्रमा लगा रहे थे। वहीं मथुरा के अधिकांश श्रद्धालु मथुराजी की परिक्रमा कर रहेथे। समूचा परिक्रमा मार्ग जय जय श्री राधे, जयजय श्री कृष्ण, बांके बिहारी लाल की जय के कारे से गुजायमान हो रहा था।

महिला हो या पुरूष या फिर बच्चे सभी पूरी श्रद्धा भक्ति की मस्ती में झूमते हुए चल रहे थे। महिलाएं भजन संकीर्तन करते हुए चल रहीं थीं। वहीं युवक ढ़ोलक, झांझ बजाते हुए कीर्तन करते हुए चल रहे थे। जगह- जगह भजन संकीर्तन के डेक चल रहे थे। जिनकी धुनों पर  महिलाएं नाच रहीं थी जिससे परिक्रमा का उत्साह दूना हो रहा था। उनको नातो वृंदावन के  परिक्रमा मार्ग में जगह  जगह फैल रही गंदगी और ना ही जगह जगह जर्जर हो रही सड़क की निकली गिट्टी की चुभन की चिंता थी। उन्हें केवल परिक्रमा पूरी करने की ललक थी। अक्षय नवमी परिक्रमा देने के लिए राजस्थान, हरियाणा और ब्रज क्षेत्र से ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के श्रद्धालु लाखों की संख्या मेंपहुंचे।

महिलाओं ने किया आंबले का पूजन 


मान्यता है कि अक्षय नवमी पर  आवले की पूजा करने से अक्षय पुण्य प्राप्ति होती है। इस लिए के लिए अक्षय नौवमी पर महिलाएं तीन वन के परिक्रमा मार्ग के मंदिर, बगीचों, पार्क में लगे आंवले के पेड़ों का पूजन कर रहीं थी। इस दौरान हर महिला ने 108 परिक्रमा आवले की लगाई। अक्षय पुण्य की कामना की। 

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