अंतर्राष्ट्रीय
अमरोहा की चारों तहसीलों पर गरज़ी भाकियू शंकर, समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा
भारतीय किसान यूनियन (शंकर) के राष्ट्रीय आह्वान पर (सोमवार ) को संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने जनपद की चारों तहसीलों पर किसान समस्याओं को लेकर जमकर धरना प्रदर्शन किया, इस दौरान संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाज़ी भी की । भाकियू शंकर के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा जनपद की चारों तहसीलों पर आयोजित समाधान दिवस के अवसर किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित एक 14 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया। इस दौरान धनौरा तहसील पर जिलाध्यक्ष मास्टर सतपाल सिंह के नेतृत्व में, नौगावां तहसील पर मास्टर जगत सिंह चौहान(तहसील अध्यक्ष), अमरोहा तहसील पर सत्यवीर सिंह (प्रदेश प्रवक्ता) व हसनपुर तहसील पर ब्लॉक अध्यक्ष दीपक गुर्ज़र के नेतृत्व में संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी दिवाकर सिंह ने कहा कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार किसान व आम जनता के हित मे काफ़ी अच्छा काम कर रही है, किंतु विभागीय स्तर पर भृष्टाचार के चलते जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को न मिलकर अपात्र लोगों को इसका फ़ायदा पहुंचाया जा रहा है, फ़िर चाहें वह राशन कार्ड ,प्रधानमंत्री आवास योजना,विधवा-विकलांग व किसान पेंशन योजना ही क्यों ना हो सभी में गड़बड़ की जा रही है, इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब मोदी सरकार ने उद्योगपतियों के कर्ज़ माफ़ कर दिया है तो देश के किसानों का भी एक बार फ़िर से कर्ज़ मुक्त किया जाए। अटल जी की सरकार में किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख रुपये निर्धारित की गई थी जिसे बढ़ाकर 10 लाख किया जाना चाहिए।
19 जुलाई वर्ष 1969 को तत्कालीन सरकार द्वारा 20 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किसान हित को देखते हुए किया गया था, साथ ही मोदी सरकार ने तमाम बैंकों को मर्ज कर दिया जिस कारण किसानों का मानसिक व आर्थिक शोषण हो रहा है। वहीं प्रदेश की यूपी प्रथमा बैंक की 956 शाखाओं द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड पर दूसरी बैंकों के मुकाबले ज्यादा व तमाम तरह के चार्ज लगाकर किसानों का शोषण किया जा रहा है, भाकियू शंकर संगठन मांग करता है कि किसान हित में इस पर भी तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।मोदी-योगी सरकार द्वारा छोटे दुकानदारों को 20 लाख तक का लोन दस्तावेज व गारंटी के बिना ही दे रही है, इसके विपरीत किसान को लोन के नाम पर उसकी करोड़ों रुपयों की ज़मीन को बंधक रखा जा रहा है, किसान क्रेडिट कार्ड पर हर कार्यवाही पर जीएसटी लगाई जा रही है, जबकि हीरे पर मात्र 3 प्रतिशत ही जीएसटी लगाई जाती है। ये इस देश के अन्नदाता किसान के साथ में सौतेले व्यवहार के समान है। इसीलिए किसान हित को देखते हुए कृषि मशीनरी व किसान क्रेडिट कार्डों पर जीएसटी समाप्त की जानी चाहिए। इसके साथ ही किसान सम्मान निधि को 25 हज़ार वार्षिक किया जाए।
जनपद के समुचित व समग्र विकास हेतु विकास प्राधिकरण व जिला सहकारी बैंक बोर्ड का गठन किया जाए व तिगरी गंगा धाम से ब्रजघाट तक गंगा तट को हरिद्वार की तर्ज़ पर रिवर फ्रंट बनाकर इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाए व साथ ही विधुत शवदाहगृह का भी निर्माण किया जाना चाहिए। प्रदेश भर में जल मिशन योजना में भी भारी भृष्टाचार किया जा रहा है जिसकी जांच कराकर कार्यवाही की जाए, छुट्टा व आवारा गौवंशीय पशुओं का स्थायी समाधान करते हुए इनके द्वारा दुर्घटना में मृतक आश्रितों को 10 लाख मुआवज़ा दिया जाना चाहिए। साथ ही जोया टोल प्लाज़ा को समाप्त किया जाना चाहिए जो कि नियम विरुद्ध चलाया जा रहा है। इसके साथ ही औधोगिक नगरी ग़जरौला में सैकड़ों बीघा खाली पड़ी ज़मीन पर ट्रामा सेंटर का तत्काल निर्माण किया जाना चाहिए जिस से समय रहते इलाज़ मिलने से सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा सके।धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से सत्यपाल सिंह,चौधरी धर्मवीर सिंह, प्रदेश प्रवक्ता सत्यवीर सिंह,जगत सिंह चौहान, दीपक गुर्ज़र, चौधरी नेमपाल सिंह, समरपाल सिंह, अशोक चौधरी, नरपत मुखिया, हरि सिंह सैनी, तेजपाल, नेतराम सिंह,सीताराम सैनी, बुद्धप्रकाश,चेतराम, राकेश रतनपुर, राकेश चौहान, डॉ योगेंद्र, जगराम, चंद्रेश, कैप्टन वीर सिंह, एडवोकेट डॉक्टर मशूद समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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