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जाको राखे साइयां मार सके न कोय, मिट्टी के नीचे से आ रही थी रोने की आवाज, पुलिस ने अस्पताल में कराया भर्ती

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संभल (सब का सपना):- जिले के थाना नखासा क्षेत्र में एक दर्दनाक इंसानियत को झकझोरने वाली घटना सामने आई है। एक नवजात बच्ची, जिसे किसी ने निर्दयता से मिट्टी में दबा दिया था । यह बच्ची पूरी रात मिट्टी में दबी रही, लेकिन उसकी जिंदगी का दीपक बुझने से पहले ही पुलिस ने उसे बचा लिया।

पूरी रात मिट्टी में दबी रही मासूम थाना नखासा क्षेत्र में कुछ ग्रामीणों ने रात के समय मिट्टी के नीचे से हल्की आवाज सुनी। जब उन्होंने पास जाकर देखा, तो नवजात बच्ची मिट्टी में दबी हुई थी। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई, जिन्होंने मौके पर पहुंचकर बच्ची को बाहर निकाला। बच्ची को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी स्थिति को गंभीर बताते हुए इलाज शुरू किया।

मां ने रखने से किया इनकार

जांच में पता चला कि बच्ची की मां मुरादाबाद जिला कारागार में बंद है। जब नवजात को मां को सौंपने का प्रयास किया, तो मां ने बच्ची को अपनाने से मना कर दिया।

बाल कल्याण समिति ने दिया सहारा

बच्ची के स्वस्थ होने के बाद, पुलिस ने उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। समिति ने बच्ची के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए बच्ची को बिशेष दत्तक अभिग्रहण बदायूं रखने का आदेश किया ।यहां बच्ची का पालन-पोषण और देखभाल की जाएगी।

इंसानियत की मिसाल

इस घटना ने जहां मानवता पर सवाल उठाए हैं, वहीं पुलिस और बाल कल्याण समिति की तत्परता ने यह साबित किया है कि हर जीवन की अपनी अहमियत है। मिट्टी में दबी इस बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए की गई कोशिशें समाज के लिए एक प्रेरणा हैं।

यह नवजात अब बाल संरक्षण गृह में सुरक्षित है, और उम्मीद है कि उसका भविष्य उज्ज्वल होगा। यह घटना इंसानियत का एक ऐसा चेहरा दिखाती है, जिसे हमें हमेशा जीवित रखना चाहिए। आदेश करते समय बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री गौरव गुप्ता, सदस्य गौरव शर्मा व नूतन चौधरी रहे।

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