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अमरोहा जिले में विकास ओर स्वच्छता की जीती जगाती मिसाल :- जिला पंचायत राज अधिकारी पारुल सिसोदिया

अमरोहा (सब का सपना):- उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध जिला, हाल के दिनों में अपनी साफ-सफाई और विकास कार्यों के लिए चर्चा में रहा है। इस बदलाव में जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) पारुल सिसोदिया की सक्रिय भूमिका को सराहा जा रहा है। उनके नेतृत्व में जिले में साफ-सफाई और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिली है। यह लेख उनके द्वारा किए गए कार्यों, उनकी रणनीतियों और अमरोहा के समग्र विकास पर उनके प्रभाव को विस्तार से प्रस्तुत करता है।
पारुल सिसोदिया, अमरोहा की जिला पंचायत राज अधिकारी, एक कुशल प्रशासक और समर्पित अधिकारी के रूप में जानी जाती हैं। उनकी नियुक्ति के बाद से ही उन्होंने जिले की ग्रामीण व्यवस्था को मजबूत करने और स्वच्छता के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने का लक्ष्य रखा। पंचायती राज विभाग के अंतर्गत, वह ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायत के कार्यों की देखरेख करती हैं। उनकी प्राथमिकता रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी जाए, ताकि अमरोहा के निवासियों को बेहतर जीवन स्तर प्राप्त हो सके।
पारुल सिसोदिया ने जोया ब्लॉक की ग्राम पंचायत कांकर सराय और धनौरा मुरादनगर में पंचायत भवनों, सामुदायिक शौचालयों और सार्वजनिक स्थानों का औचक निरीक्षण किया। सफाई व्यवस्था में कमी पाए जाने पर दो सफाई कर्मियों, मुनेश देवी और शोभा देवी, को ठेके पर कार्य कराने के आरोप में निलंबित किया, जिससे अनुशासन और जिम्मेदारी सुनिश्चित हुई थी।
उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर स्वच्छता समितियों को सक्रिय करने के निर्देश दिए। इन समितियों को कचरा प्रबंधन, जल निकासी और सार्वजनिक स्थानों की सफाई की जिम्मेदारी सौंपी गई। नियमित निगरानी के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि सफाई कार्य समयबद्ध और प्रभावी ढंग से हो।ग्रामीणों, विशेषकर स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाए गए।
इनमें कचरा प्रबंधन, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया गया। बच्चों को स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए इस दौरान हाल ही में आयोजित गंगा तिगरी मेले में पारुल सिसोदिया ने स्वच्छता को प्राथमिकता दी। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ मिलकर मेले के परिसर में शुद्ध पेयजल, मजबूत बैरिकेडिंग, और घाटों की सफाई सुनिश्चित की। विशेष सफाई टीमें तैनात की गईं, ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण मिले।ग्रामीण क्षेत्रों में कचरा संग्रहण और निपटान के लिए व्यवस्थित तंत्र विकसित किया गया।
सामुदायिक शौचालयों और जल निकासी व्यवस्था को बेहतर बनाने पर भी ध्यान दिया गया, जिससे गाँवों में स्वच्छता का स्तर बढ़ा।पारुल सिसोदिया के इन प्रयासों से अमरोहा जिले में स्वच्छता के प्रति जागरूकता और व्यवस्था में सुधार हुआ है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में सफाई कर्मियों की लापरवाही और संसाधनों की कमी जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। इनसे निपटने के लिए उन्होंने नियमित निरीक्षण और सख्त कार्रवाई की नीति अपनाई है।
पारुल सिसोदिया के समर्पण और रणनीतिक दृष्टिकोण ने अमरोहा को स्वच्छता के क्षेत्र में एक नई दिशा दी है। उनके प्रयास न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय समुदाय को स्वच्छता के प्रति प्रेरित भी कर रहे हैं। यह अमरोहा के लिए एक मॉडल के रूप में उभर सकता है।