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Lalitpur news जिले में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप, जांच और कार्रवाई की मांग

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ललितपुर (सब का सपना):- जिले में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का सनसनीखेज मामला सामने आया है। स्थानीय निवासी दीनदयाल यादव ने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर इस योजना के दुरुपयोग और अपात्र लोगों को आवास आवंटन में गड़बड़ी का खुलासा किया है। पत्र में डूडा विभाग पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें अपात्र लोगों को रिश्वत लेकर आवास आवंटित करने और स्टांप पेपर पर फर्जी बिक्री के जरिए योजना का दुरुपयोग करने की बात कही गई है।

दीनदयाल यादव ने अपने पत्र में बताया कि शहर के भीतर या बाहर किसी एक व्यक्ति के नाम पर मौजूद प्लॉट को 10 रुपये के स्टांप पेपर पर रिश्तेदारों, जैसे भाई-बहन, बेटा-बेटी, साले, जीजा, बहनोई, दादा-दादी आदि को बेचकर एक ही प्लॉट पर 5-5 लोगों को 300 वर्ग फीट जमीन का आवंटन किया जा रहा है। इसके एवज में अपात्र लोगों से 40 से 50 हजार रुपये लिए जा रहे हैं।

इसके अलावा, फोटो खींचने के नाम पर 5 हजार, नगर पालिका से पास कराने के लिए 5 हजार और लेखपाल/अमीन से मंजूरी के लिए 10 हजार रुपये की अवैध वसूली की जा रही है। यही नहीं, जिन लोगों के पास 20-20 एकड़ जमीन, ट्रैक्टर, फोर-व्हीलर, 10 किलोवाट बिजली कनेक्शन, एयर कंडीशनर, पक्के मकान, इंजीनियर, शिक्षक, वकील या सरकारी नौकरी जैसे संसाधन हैं, उनकी पत्नियों को भी इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। दूसरी ओर, पात्र गरीब लोगों की अनदेखी की जा रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों और अन्य राज्यों के निवासियों को भी इस योजना में शामिल किया गया है, जो नियमों का खुला उल्लंघन है।पत्र में डूडा विभाग के कर्मचारियों और दलालों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

दीनदयाल ने दावा किया कि इन दलालों ने भ्रष्टाचार के जरिए अकूत संपत्ति अर्जित की है, जिसमें 10-10 प्लॉट, रिहायशी मकान और फोर-व्हीलर शामिल हैं। उन्होंने मांग की है कि इन कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों की संपत्ति की जांच के लिए शपथपत्र लिया जाए और उनकी संपत्ति की विस्तृत जांच की जाए।

दीनदयाल ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया है कि एक उच्चस्तरीय जांच टीम गठित कर इस घोटाले की गहन जांच की जाए। उन्होंने अपात्र लोगों को आवंटित आवासों को रद्द करने और उनसे रिकवरी करने की मांग की है। साथ ही, डूडा विभाग के कर्मचारियों और दलालों की संपत्ति की जांच कर इस मामले को उजागर करने की अपील की है। पत्र में चेतावनी दी गई है कि यह घोटाला देश का सबसे बड़ा आवास घोटाला साबित हो सकता है।

इस पत्र के बाद जिला प्रशासन और डूडा विभाग पर नजरें टिकी हैं। स्थानीय लोगों में इस मामले को लेकर गुस्सा और आक्रोश है, क्योंकि गरीबों के लिए शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी योजना का दुरुपयोग उनके हक को छीन रहा है। प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही जांच शुरू हो सकती है।

ललितपुर के नागरिकों का कहना है कि अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच होती है, तो यह न केवल भ्रष्टाचार को उजागर करेगा, बल्कि पात्र गरीबों को उनका हक दिलाने में भी मदद करेगा। दीनदयाल के इस साहसिक कदम की स्थानीय लोग सराहना कर रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि सरकार इस मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई करेगी।

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