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एंबुलेंस से शुरुआत 2014 में सांसद 19 में हार फिर से भाजपा ने क्यों जताया कंवर सिंह तंवर पर भरोसा

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भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 51 सीटों पर उम्मीदवारों को उतार दिया है लेकिन हम बात करेंगे अमरोहा लोकसभा की। वह लोकसभा अमरोहा जहां सभी जाति और धर्म के लोग रहते हैं। वह लोकसभा जहां 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सीट जीती।वही 2019 में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा लेकिन तीसरी बार फिर से भाजपा ने 2019 में हारने वाले प्रत्याशी पर भरोसा जता दिया। प्रत्याशी का नाम है कंवर सिंह तंवर

2012 से की थी अमरोहा में राजनीति की शुरुआत


बताया जाता है कि 2012 में चौधरी कंवर सिंह तंवर ने अमरोहा लोकसभा मे राजनीति की शुरुआत की थी और उस समय लोग चौधरी कंवर सिंह तंवर को एंबुलेंस वाले नेता जी के नाम से जानते थे।

आखिर क्या था राज एंबुलेंस वाले नेता जी का

एम्बुलेंस अमरोहा लोकसभा में गांव-गांव जाकर दवाई वाटती थी। लोग कहते कि आखिर यह एंबुलेंस किसकी है। तो पता लगता कि यह दवाई समाज सेवी चौधरी कंवर सिंह तंवर के द्वारा बटवाई जा रही है और तभी से अमरोहा लोकसभा में एक नया नाम उभरना शुरू हो गया क्षेत्र की जनता को पता लगना शुरू हो गया कि यह एंबुलेंस तो चौधरी कंवर सिंह तंवर की है। उसके बाद में राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी की आने वाले लोकसभा चुनाव में चौधरी कंवर सिंह तंवर अमरोहा लोकसभा से चुनाव लड़ेंगे।

कांग्रेस से टिकट मिलने की चर्चा होने लगी थी जोरो पर

2012 में जब एंबुलेंस घूमनी शुरू हुई चौधरी कंवर सिंह तंवर का नाम हर घर में समाजसेवी के रूप में पहुंचने लगा तो कयास लगाए जाने लगे की चौधरी कंवर सिंह तंवर अब कांग्रेस से चुनाव लड़ेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 2014 में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा उन्हें लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया।

बाबा रामदेव के करीबी बताए जाते हैं चौधरी कंवर सिंह तंवर

2014 में जब भारतीय जनता पार्टी के द्वारा चौधरी कंवर सिंह तंवर को प्रत्याशी बनाया गया तो उस समय चर्चा होने लगी कि यह बाबा रामदेव के करीबी हैं और उन्हीं की वजह से भारतीय जनता पार्टी के द्वारा इन्हें प्रत्याशी बनाया गया है। हालांकि 2014 में चौधरी कंवर सिंह तंवर ने अमरोहा लोकसभा से समाजवादी के दिग्गज नेता कमाल अख्तर की पत्नी हुमेरा अख्तर को हराकर अमरोहा लोकसभा सीट जीतने का काम किया था। और उसके बाद से चौधरी कंवर सिंह तंवर 2014 से 2019 तक भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अमरोहा लोकसभा सीट पर सांसद के रूप में काबिज रहे।

भाजपा ने 2019 में दूसरी बार जताया था भरोसा

लेकिन दूसरी बार चौधरी कंवर सिंह तंवर को जब 2019 में प्रत्याशी बनाया गया तो गठबंधन के बसपा प्रत्याशी सांसद दानिश अली ने चौधरी कंवर सिंह तंवर को हरा दिया था उसके बाद से चर्चा होने लगी थी कि अब आने वाले समय में भाजपा चौधरी कंवर सिंह तंवर को प्रत्याशी 2024 में नहीं बनाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।


काफी दिग्गज 2024 में भाजपा से टिकट लेने के लिए लाइन में लगे हुए थे। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के द्वारा चौधरी कंवर सिंह तंवर पर तीसरी बार फिर से भरोसा जता दिया गया है। हालांकि आने वाले परिणाम क्या होंगे यह तो वक्त ही बताएगा।

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