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SAMBHAL NEWS झोलाछाप डॉक्टरों के आगे बेबस सिस्टम

संभल/बहजोई:- हर जगह झोलाछाप डॉक्टर का कारोबार खूब फल फूल रहा है। कोई 6 महीने साल 2 साल किसी मेडिकल पर रह जाए तो वह अपने आप को डॉक्टर कहलाने लग जाता है। इतना ही नहीं अपना एक अस्पताल भी डाल लेता है या यू कहे कि अपनी कोई छोटी-मोटी दुकान डाल लेता है। काफी जगह देखा गया है कि किसी को तो पूर्वजों से ही यह कारोबार उपहार में मिला हुआ है। इसमें संदेह नहीं है कि आज हॉस्पिटलों की स्थिति गांव से लेकर शहर तक जगह-जगह बग़ैर रजिस्ट्रेशन के सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के आधिकारी कार्यवाही भी करते हैं लेकिन उसके बाद भी ऐसे हॉस्पिटलों पर लगाम कसना अधिकारियों के लिए भी एक मुश्किल बन चुका है।
आज बात कर रहे हैं संभल जनपद के बहजोई की जहां जिले के सभी कार्यालय भी है लेकिन ऐसे में भी अधिकारियो की नाक के नीचे बहजोई में बेहटा जय सिंह बाईपास चौराहे पर आस्था हॉस्पिटल के नाम से एक हॉस्पिटल संचालित है जो मरीजो के साथ रात दिन खिलवाड़ करने में जुटा हुआ है। इतना ही नहीं हॉस्पिटल में कोई भी डिग्री धार डॉक्टर नहीं है और धडलले के साथ हॉस्पिटल का संचालन किया जा रहा है। अब सवाल उठता की आम आदमी की जेब पर लगातार ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा डाका डाला जा रहा है। हालांकि इतना ही नहीं ऐसे झोलाछाप डॉक्टर जगह-जगह हॉस्पिटल खोलकर बैठे हैं। मरीज को चाहे उल्टी हो या दस्त खांसी हो या बुखार या फिर कोई अन्य बीमारी मरीज को डर दिखाकर हालत बिगड़ने की बात कहकर मरीज को अन्य हॉस्पिटलों के लिए रेफर कर दिया जाता है और बीच में एक मोटी रकम कमीशन के तौर पर कमाई जाती है अब सवाल उठता है कि आखिर कब तक आम आदमी की जेब पर इस तरीके से ही यह झोलाछाप डॉक्टर डाका डालते रहेंगे या फिर कुछ बदलेगा भी