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उत्तर प्रदेश

जिलाधिकारी ने 50 लाख रुपए से अधिक लागत के निर्माण कार्यों की कि समीक्षा बैठक

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मथुरा (राजकुमार गुप्ता) सब का सपना:- कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास/ विद्युत/ लोक निर्माण/ पंचायती राज/ शिक्षा/वन/ उद्योग/ श्रम/ नियोजन/कृषि/ सिंचाई/ गन्ना/ उद्यान/ मत्स्य/ लघु सिंचाई/ सहकारिता/ दुग्ध एवं पशुपालन विभाग तथा 50 लाख से अधिक लागत की परियोजनाओं की मासिक समीक्षा बैठक संपन्न हुई।जनपद के विकास कार्यों को गति प्रदान करने एवं सीएम डैशबोर्ड पर सभी विकास कार्यों व योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट शत् प्रतिशत फीड कराने हेतु जिलाधिकारी ने निर्देश दिए। सीएम डैशबोर्ड की मॉनिटरिंग शासन स्तर पर निरंतर होती है और डैशबोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर ही जनपदों की रैंकिंग तय की जाती है,

इसलिए अधिकारीगण इसकी महत्ता को समझते हुए अपने-अपने विभागों में क्रियान्वन योजनाओं एवं विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट ससमय भरे।जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि समस्त अधिकारी आईजीआरएस शिकायतों के निस्तारण को ससमय पूर्ण करे।

आईजीआरएस पर प्राप्त शिकायतों को प्रति दिन मॉनिटर करे, डिफॉल्टर होने पर उसकी पुनः जांच कर फाइनल रिपोर्ट लगाई जाए।जिलाधिकारी ने कहा कि जो कार्य पूर्ण हो गये हैं, उनकी जांच करायी जाये और सभी मानकों को पूर्ण कराते हुए संबंधित को हैण्डोवर कर दिये जायें। श्री सिंह ने कहा कि जो भी निर्माणाधीन कार्य प्रगति पर है वहा पर मूलभूत सुविधायें जैसे, पानी, विद्युत, शौचालय, रैंप, बाउंड्री वॉल आदि का कार्य समय से पूर्ण करते हुए मा0 जनप्रतिनिधियों से लोकार्पण करवाया जाये। जिलाधिकारी ने 50 लाख रुपए से अधिक लागत के निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक की। समस्त कार्यों की गुणवत्ता एवं पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया जाये।

उन्होंने कहा कि जिन कार्यों में धन अभाव से कार्य रूका हुआ है वे शीघ्र ही यूसी भिजवाने की कार्यवाही करें तथा जहां पत्राचार की आवश्यकता है उसके संबंध में पत्रावली प्रस्तुत की जाय। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो भी स्कूलों, सरकारी आवासों, समाज कल्याण विभाग योजनाओं के अंतर्गत छात्रावास व स्कूल, जिला कारागार में आवास आदि से संबंधित कार्य प्रगति पर हैं, उन्हें शीघ्रता एवं गुणवत्ता तथा पारदर्शिता के साथ पूर्ण किया जाये।

उन्होंने कहा कि जहां कार्य धीमी प्रगति पर हो वहां पर आवश्यकतानुसार लेवर व कर्मचारी बढ़ाये जायें।समस्त कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी विभागों से समन्वय स्थापित कर कार्यों में तेजी लायें और जहां पर समस्या उत्पन्न हो रही है वहां मुख्य विकास अधिकारी, संबंधित उप जिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान कराया जाये और टीम भावना के साथ कार्य किया जाये।डीएम ने कहा कि जो भी निर्माणाधीन कार्य प्रगति पर हैं वहां पर रैन वाॅटर हार्वेस्टिंग प्लांट अनिवार्य रूप से लगाया जाए।

जिन निर्माण कार्यों में शिकायत प्राप्त हो वहां के कार्यों की सैम्पलिंग करायी जाये और यदि मानकानुसार कार्य नहीं है, तो संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाये। विभाग गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं समयबद्धता के साथ कार्यों को पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। किसी भी कार्य में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता के लिए लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना, सीएमओ डॉ0 अजय कुमार वर्मा, डीडीओ गरिमा खरे, डीसी मनरेगा विजय पांडेय, लोक निर्माण विभाग के एक्सचियन अजय कुमार, उपायुक्त उद्योग रामेंद्र कुमार, रोडवेज, लोक निर्माण, सेतु निगम, जल निगम, नगर निगम, आरईएस सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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