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अपराध

एक घंटे में थाने पहुंच नहीं तो मुकदमा लिख दूंगा, किसान ने लगा ली फांसी

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अब मृतक किसान परिवार के साथ आए भारतीय किसान (यूनियन भानू) के कार्यकर्ता

यूनियन के कार्यकर्ता थाना प्रभारी और सीओ से मिले, यूनियन कार्यकर्ताओं को मिला इंसाफ का भरोसा

हसनपुर/अमरोहा (सब का सपना):- हेलो मैं एसआई बोल रहा हूं। तेरे पिताजी कहां है उधर से जवाब मिलता है पिताजी दिल्ली है। तब फिर थाने से दरोगा ने कहा दिल्ली क्या कर रहा है तेरा पिता, कॉल पर जवाब मिलता है कि वह तो काम करने के लिए दिल्ली गए हुए हैं। दरोगा कहता है कि 26 तारीख में तेरा पिता कैला देवी थाना क्षेत्र में आरस्टी में आया था तो अभी दिल्ली कैसे पहुंच गया, कह देना या तो 1 घंटे में थाने में आ जाए नहीं तो मुकदमा लिख दूंगा, अगर मुकदमे से बचना है तो 1 घंटे के अंदर थाने पहुंचे।

फिर क्या था पुत्र ने अपने पिता को बताया, खेती किसानी कर मजदूरी करने वाला व्यक्ति एक कॉल से घबरा गया कॉल भी ऐसी ही थी। जिससे घबराना संभव है। पुलिस की कॉल और पुलिस की धमकी से आम आदमी आज भी यूं ही डर जाता है।आखिर एक कॉल ने उस गरीब किसान मजदूर की सांस थाम दी यानी कि वह किसान उस कॉल से घबराकर फांसी लगा लेता है। मामला तब सुर्खियों में पड़ जाता है जब ऑडियो वायरल होता है।

हालांकि अधिकारी अब अपनी सफाई दे रहे हैं की दोषी पर कार्यवाही की जाएगी लेकिन किसान की सांस वापस आ सकती हैं जिस परिवार को चलाने वाला मुखिया ही दुनिया छोड़कर चला गया क्या वह वापस आ सकता है? संभव है नहीं। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर शासन सत्ता ऐसे समय पर कहां चुप हो जाते हैं? आखिर कैसे एक दरोगा इस तरीके से मजदूर किसान को धमकी दे देता है अपने आप में एक किसान, मजदूर की मौत होना यह काफी सवाल छोड़ती है लेकिन सवाल पूछेगा कौन? यह अपने आप में बड़ा विषय है।

हालांकि दोषियों पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है उच्च अधिकारी किसान मजदूर परिवार को न्याय दिलाने की बात भी कर रहे हैं। सवाल उठता है कि आए दिन कुछ पुलिसकर्मी इस तरीके से न जाने कितने लोगों को टॉर्चर करते हैं कुछ लोग तो शर्म की वजह से किसी से कुछ बता ही नहीं पाते तो कुछ लोग ऐसे मामलों में आत्महत्या तक कर लेते हैं। ना सरकार न कोर्ट केवल ऐसे अधिकारी अपने आप को ही सब कुछ समझते हैं और गरीब लोगों पर डंडा चलाने का कार्य करते हैं। ऐसी एक घटना नहीं अनेकों घटनाएं लगातार घटित होती हैं।

सवाल उठता है कि आखिर ऐसे लोगों पर केवल कार्यवाही के नाम पर इतिश्री कर ली जाती है आखिर ऐसा कब तक चलता रहेगा? मामला जनपद अमरोहा के थाना क्षेत्र रहरा के गांव खेलिया पट्टी का है जहां एक किसान अपने रिश्तेदारी में थाना कैलादेवी जनपद संभल के क्षेत्र के एक गांव में अपने रिश्तेदार के यहां आरस्टी में जाता है वहां किसी बात को लेकर कुछ हंसी मजाक शायद हो जाती है।

उसके ही अगले दिन मृतक किसान के पुत्र के पास थाना कैला देवी से एक फोन कॉल आता है और उसमें मृतक किसान के पुत्र को हड़काया जाता है। अपने पिता से कहो कि एक घंटे में तेरे पिता थाने पहुंच जाएं नहीं तो मुकदमा लिख दिया जाएगा। अगर मुकदमे से बचना है तो मात्र एक घंटे में थाने पहुंचे। डराया जाता है, धमकाया जाता है, किसान घबरा जाता है, सोचता है कि अब नहीं बचूंगा और ऐसी स्थिति में वह किसान फांसी लगा लेता है।

सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए मामला सुर्खियां बनता है और जब यह पूरा मामला हाईलाइट होता है। तब उच्च अधिकारी उन पुलिसकर्मियों पर मामला पंजीकृत करते हैं। उच्च अधिकारी कह रहे हैं कि मृतक किसान को न्याय मिलेगा लेकिन सवाल यह उठता है कि मृतक किसान के परिवार को अब कौन चलाएगा? आखिर परिवार का खर्चा कौन व्हन करेगा? ऐसे अनेकों सवाल मन में आते हैं वहीं दूसरी तरफ यदि हम देखें इस तरीके से यदि कोई आम आदमी किसी पुलिसकर्मी को टॉर्चर कर देता तो पुलिस कर्मी उसका एनकाउंटर करते संभवत ऐसा तय है।

पुलिसकर्मियों ने जब एक आम आदमी को इस तरीके से टॉर्चर किया तो मामला पंजीकृत हो गया उच्च अधिकारीयो ने भी कह दिया कि मृतक किसान को न्याय दिलाया जाएगा। *गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन भानू की टीम पहुंची मृतक किसानके घर* गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन भानू के कार्यकर्ता व अधिकारी मृतक किसान के ग्राम खेलिया पट्टी पहुंचे और परिजनों को शांत बना दी।

इस दौरान पदाधिकारीयो ने कहा कि संगठन में रोष है किसी भी दशा में मृतक किसान को टॉर्चर करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि संगठन तन मन धन से मृतक किसान के परिवार के साथ खड़ा है। जो भी इसके पीछे दोषी हैं उन्हें सख्त सजा दिलवाने का कार्य संगठन करेगा। इसके बाद यूनियन के कार्यकर्ता और पदाधिकारी थाना प्रभारी रहरा व सीओ हसनपुर भी मिले। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं उच्च अधिकारियों की तरफ से भी मृतक किसान के परिजनों को न्याय दिलाने की बात कही गई है। इस दौरान चमन प्रधान जिला अध्यक्ष, डॉक्टर हाशिम चौधरी जिला उपाध्यक्ष, जमशेद चौधरी जिला मंत्री, लोकेश चौहान तहसील अध्यक्ष, हरपाल सिंह, राजीव सिंह, साहिल, राहुल गुप्ता, बबलू गुर्जर, शाहिद, कलुआ आदि सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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