अपराध
रिश्वतखोर अफसर: 80 लाख की ओडी लिमिट बनाने के नाम पर बैंक प्रबंधक ने ली थी रिश्वत, सीबीआई ने किया गिरफ्तार

बुलंदशहर(मनोज गिरि):- जनपद के अंतर्गत सीबीआई ने एक बैंक प्रबंधक के घर छापा मारा। जहां से सीबीआइ टीम को अवैध पिस्टल मिली है। जो पुलिस को सुपुर्द कर दी गई है। सीबीआई टीम ने देर रात आरोपी बैंक प्रबंधक के घर पर रेड की थी। कोतवाली में सीबीआई ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। टीम आरोपी प्रबंधक को साथ ले गई है। 80 लाख रुपये की ओवरड्राफ्ट (ओडी) लिमिट बनाने के नाम पर बैंक प्रबंधक द्वारा एक लाख रुपये की रिश्वत ली गई थी। सीबीआइ की टीम को कार्रवाई के दौरान आरोपी के कब्जे से विदेशी पिस्टल बरामद की है।
आरोपी के खिलाफ थाने में कराई गई रिपोर्ट दर्ज
सीबीआइ की टीम देर रात ही आरोपी को अपने साथ ले गई, जबकि पिस्टल को थाना पुलिस के सुपुर्द करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई है। बुधवार को गाजियाबाद यूनिट की सीबीआइ की एंटी करप्शन ब्यूरो टीम ने बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंधक को एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया था।
आरोपी प्रबंधक के घर से ऑटोमेटिक पिस्टल बरामद
आरोपी की गिरफ्तारी के बाद टीम प्रबंधक के आवास पर पहुंची और जांच पड़ताल की। जांच के दौरान प्रबंधक के घऱ से एक ऑटोमेटिक पिस्टल बरामद हुई। जब प्रबंधक से इसका लाइसेंस मांगा तो वह टीम को कोई लाइसेंस नहीं दिखा सका। जिसके बाद देर रात टीम में शामिल निरीक्षक संतोष कुमार ने बैंक प्रबंधक अंकित मलिक के खिलाफ कोतवाली पुलिस को शिकायत देकर रिपोर्ट दर्ज कराई। साथ ही आरोपी को अपने साथ गाजियाबाद ले गई। बताया जा रहा है कि एक बैंक मित्र जावेद द्वारा अपनी पत्नी के नाम 80 लाख रुपये की ओडी लिमिट बनाने के लिए बैंक प्रबंधक से संपर्क किया था। जिसके चलते बैंक प्रबंधक द्वारा एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की जा रही थी।
बैंक मित्र से की जा रही थी रिश्वत की डिमांड
बिना रिश्वत के लिमिट न बनाए जाने से परेशान बैंक मित्र की ओर से करीब दो माह पहले सीबीआइ टीम को शिकायत दी गई थी। एक सप्ताह पहले सीबीआइ टीम क्षेत्र में पहुंची और टीम के निर्देशों के मुताबिक बैंक मित्र ने चेक के माध्यम से रिश्वत की रकम देने की पेशकश की। पहले तो प्रबंधक ने चेक से रिश्वत लेने से इनकार किया, लेकिन बाद में इसके लिए सहमति दे दी। बुधवार को बैंक मित्र की ओर से बैंक प्रबंधक को रिश्वत की रकम का चेक दिया गया। जब प्रबंधक ने चेक से धनराशि निकाली तो सीबीआइ की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
एक सप्ताह से गिरफ्तारी के लिए जाल बिछा रही थी सीबीआई
बताया जा रहा है कि सीबीआइ की टीम एक सप्ताह से लगातार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछा रही थी। आरोपी ने पहले तो चेक के माध्यम से रिश्वत लेने से इनकार किया था, लेकिन इसके बाद वह लगातार दो से तीन दिन तक बैंक मित्र को टरकाता रहा। इसके बाद बुधवार को प्रबंधक ने बैंक मित्र को चेक लेकर बुलाया और चेक पर हस्ताक्षर करने के साथ ही धनराशि भरवा ली थी।
बिना नाम के लिया था चेक, फिर सेल्फ भरकर निकाल ली रकम
जिस चेक के माध्यम से बैंक प्रबंधक को रिश्वत की रकम का भुगतान किया जाना था, उस पर सीबीआइ की टीम ने योजना के तहत रंग लगा दिया। बैंक मित्र की ओर से बिना नाम और खाता संख्या भरे ही चेक बैंक प्रबंधक को दे दिया। इस दौरान टीम में शामिल एक अधिकारी बैंक में मौजूद रहकर प्रबंधक पर नजर रखे हुए थे, जबकि कुछ अधिकारी पीड़ित के साथ बैंक के बाहर मौजूद थे। प्रबंधक ने चेक में नाम के स्थान पर सेल्फ (स्वयं) भरकर धनराशि निकाली और अपनी अलमारी में रखी तो टीम ने तत्काल उसे गिरफ्तार कर लिया।
बैंक प्रबंधक को कोर्ट ने भेजा न्यायिक हिरासत में
ओडी लिमिट बनाने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार बैंक प्रबंधक को सीबीआइ की टीम ने गाजियाबाद स्थित विशेष सीबीआइ कोर्ट में पेश किया। जहां से आरोपी अंकित मलिक को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।