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60 लाख 500 रुपए में छूटा उझारी के उर्स का ठेका,10 दिन चलता है हजरत शेख दाऊद बंदगी रह० का उर्स
उझारी(नवरत्न शर्मा) सब का सपना:- नगर में प्रति वर्ष लगने वाले हजरत शेख दाऊद बंदगी रहमतुल्लाह अलैह के दस दिवसीय उर्स का ठेका 60 लाख ₹500 में छूटा है, जबकि बीते वर्ष 58 लाख ₹1000 का ठेका छूटा था उसमें भी ठेकेदारों को भारी नुकसान हुआ था।
जनपद अमरोहा के कस्बा उझारी में प्रतिवर्ष हजरत शेख दाऊद बंदगी रहमतुल्लाह अलैह का दस दिवसीय उर्स संपन्न होता है। जिसमें रात के समय कव्वाली, मुशायरा आदि का प्रोग्राम चलते हैं, जबकि दिन में विशाल दाऊदिया दंगल आयोजित किया जाता है। दस दिवसीय उर्स मेले में क्षेत्र एवं दूर दराज से भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं। हजरत शेख दाऊद बंदगी रहमतुल्ला अलेह की दरगाह उ० प्र० सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में दर्ज है। उर्स का प्रतिवर्ष ठेका छूटता है। बीते वर्ष 58 लाख ₹1000 का ठेका छूटा था, जिसमें ठेकेदारों को भारी नुकसान हुआ था। इस वर्ष उर्स कमेटी ने 28 मई को ठेका होने के लिए टेंडर निकाला था। जिस पर तीन ठेकेदारों ने जमानत राशि जमा की थी, ठेके की बोली 58 लाख 1000 रुपए से प्रारंभ हुई, तो तीनों ठेकेदारों ने इतना महंगा ठेका लेने से साफ इनकार करते हुए अपनी जमानत राशि वापस ले ली थी, जिस कारण 28 मई को ठेका नहीं हो सका। उर्स कमेटी के अध्यक्ष मौ० ताहिर उर्फ हकीम चमन ने उ० प्र० सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चैयरमेन को पत्र लिखकर अवगत करा दिया कि इस वर्ष ठेकेदार इतना महंगा ठेका लेने को तैयार नहीं हैं। उसके बाद ठेके की लिए 5 जून की तिथि निश्चित की गई। 5 जून को ठेकेदारों ने 45 लाख 50 हजार तक बोली लगाई।
इससे ऊपर ठेका लेने से इनकार कर दिया, जिस कारण 5 मई को भी ठेका नहीं हो सका। उर्स कमेटी ने पुनः वक्फ बोर्ड के चैयरमेन को अवगत करा दिया कि इस बार ठेकेदार इससे ऊपर ठेका लेने को तैयार नहीं हो रहे हैं। जिस कारण तीसरी बार के लिए 7 जून ठेके की तारीख निश्चित की गई। आज ठेका प्रक्रिया में 6 ठेकेदारों ने अपने जमानत राशि जमा की। 20 लाख से बोली प्रारंभ हुई। ठेकेदार बोली लगाते रहे। क्षेत्र में सबसे बड़े मेला ठेकेदार माने जाने वाले ठेकेदार ने 36 लाख से ऊपर की बोली नहीं लगाई। परंतु दो नए ठेकेदार आपस में उलझ गए और वह बोली बढ़ाते चले गए। ठेकेदार आस मोहम्मद द्वारा 60 लाख रुपए की बोली लगा दी गई, जिस पर जोश में आकर ठेकेदार रफीक अहमद उर्फ मुन्ना निवासी टीपू चौक उझारी ने 60 लाख ₹500 बोलकर बोली अपने नाम छुड़ा ली। इतना महंगा ठेका देख वहां मौजूद लोग दांतों तले उंगली दबा कर रह गए। लोगों का कहना है कि तजुर्बा ना होने के कारण है रफीक अहमद उर्फ मुन्ना ने इतना महंगा ठेका ले लिया है, जबकि जो मेले की लाइन के तजुर्बेकार ठेकेदार हैं वह 36 लाख से ऊपर की बोली नहीं लगा सके हैं।