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सरकार के सपने को ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान मिलकर कर रहे चकनाचूर

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अमरोहा (सब का सपना):- उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत सचिवालय बनवाए गए हैं। सरकार की मंशा है कि गांव के व्यक्ति को राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र , जन्म प्रमाण पत्र आदि के लिए अब तहसीलों के चक्कर न लगाने पड़े इसीलिए सरकार के द्वारा ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत सचिवालय का निर्माण कराया गया है और सचिवालय बनवाने में मोटी धनराशि खर्च की गई है। वहीं सचिवालय में ग्राम पंचायत सहायक की नियुक्ति की गई है। लेकिन उसके बाद भी ग्रामीणों को सरकार की सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। आए दिन ग्रामीण ब्लॉक, तहसीलों और जनपदों के चक्कर काटते हुए मिल जाएंगे।

जबकि ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी और पंचायत सहायक चाहे तो उनका कार्य उनके गांव में ही हो सकता है। लेकिन उसके बाद भी ग्रामीणों को अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं। यानी कि सरकार के द्वारा लगाया गया पंचायत सचिवालय में मोटा धन अब यूं ही बर्बाद हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ पंचायत सहायकों को हर महीने दी जाने वाली धनराशि भी यूं ही बर्बाद हो रही है। आखिर क्या वजह है कि ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी व पंचायत सहायक सरकार के सपने को चूर-चूर करने का काम कर रहे हैं। जब इस वजह को समझने के लिए सब का सपना समाचार पत्र की टीम ग्राउंड स्तर पर उतरी तो पाया कि ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत भवन समय से नहीं खुलते। काफी जगह ग्राम पंचायत भवन दिनभर बंद रहते हैं। आखिर सवाल तो उठते हैं कि जनपद के उच्च अधिकारी आखिर अभी कर क्या रहे हैं। या फिर जनपद में उच्च पदों पर तैनात अधिकारी एक्शन लेने में नाकाम है या फिर किसी दबाव में।

सबसे पहले हमारी टीम ब्लॉक मण्डी धनौरा के ग्राम पंचायत देहरा कादर वक्श पहुंची और पाया कि ग्राम पंचायत सचिवालय 10:54 बजे तक बंद है। पंचायत भवन में ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी या पंचायत सहायक अधिकारी मौजूद नहीं रहते।
उसके बाद दूसरी ओर ग्राम पंचायत कमेलपुर में 11:09 पर सचिवालय बंद पाया गया। इसी के साथ ग्राम पंचायत झुझेला चक में पंचायत सचिवालय 11:15 पर बंद पाया गया। इतना ही नहीं ग्राम पंचायत सचिवालय में साफ सफाई भी नहीं हो रही है। चारों तरफ गंदगी पसरी हुई है। इतना ही नहीं बल्कि ग्राम पंचायत में भी पक्के रास्तों पर भी गंदगी पसरी हुई है। जहां आने-जाने में लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

वही ग्राम पंचायत बेरखेड़ा में पंचायत सचिवालय 11:30 पर बंद मिला और ग्राम पंचायत मलकपुर भूड़ में पंचायत सचिवालय 11:29 तक तक मिला। साथ ही ग्राम पंचायत शाहपुर में पंचायत सचिवालय 11:39 तक बंद मिला। और साथ-साथ ग्राम पंचायत में गंदगी का अंबार भी लगा हुआ है। ग्राम पंचायत को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे सफाई कर्मचारी कई महीने से ग्राम पंचायत में साफ सफाई का कार्य करने के लिए नहीं पहुंचा। हालांकि विकासखंड धनौरा की इन सभी ग्राम पंचायत में कागजी घोड़े दौड़कर खाना पूर्ति की जा रही है। हालांकि इन ग्राम पंचायत के मामले में जब जिला पंचायत राज अधिकारी पारुल सिसोदिया से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया है कि पंचायत सचिवो से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

वहीं दूसरी ओर 16 अक्टूबर को 2024 को विकासखंड जोया क्षेत्र की ग्राम पंचायत मानकजुड़ी में भी पंचायत सचिवालय 11:39 पर ताला लगा हुआ मिला। जहां पंचायत सहायक उत्तर प्रदेश सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहा है। हालांकि ऐसे लापरवाह पंचायत सचिवों और पंचायत सहायकों की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब लोगों को उत्तर प्रदेश सरकार की योजना का लाभ नहीं मिल पाता जहां गरीब लोग उत्तर प्रदेश सरकार की योजना का लाभ लेने से पहले ही वंचित हो जाते हैं। हालांकि आगे देखने वाली यह बात होगी की जिला प्रशासन ऐसे लापरवाह अधिकारियों और पंचायत सचिवों के खिलाफ क्या कार्यवाही करता है।

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