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Sambhal news

बेटी की हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि बाप और बेटे निकले

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बहजोई/संभल (सब का सपना):- बाप और बेटे ने मिलकर अपनी ही बेटी को मौत के घाट उतारने का मामला सामने आया है डॉ० समेत पांच लोगों को पुलिस ने जेल भेज दिया है।

ज्ञात रहे कि 31 मई को थाना रजपुरा जनपद सम्भल पर चन्द्रकेश पुत्र श्रीराम नि० हैमदपुर थाना रजपुरा जनपद सम्भल के द्वारा अभियुक्ता पूनम द्वारा आवेदक की पुत्री मंजू उम्र करीब 19 वर्ष के साथ झगडा करना तथा पूनम व पूनम के भाई उमेश व हरनारायन आदि द्वारा मंजू के साथ गाली गलौच करना तथा अभियुक्तगण प्रमोद व उमेश व हरनारायन व पप्पी व दो अज्ञात व्यक्ति द्वारा 27 मई को समय 9 बजे सुबह आवेदक की पुत्री मंजू का गला दबाकर हत्या करना और उसके बाद उसके शव को फांसी पर लटका देने के सम्बन्ध में सूचना दी गयी। इस सूचना पर थाना रजपुरा पर मुकदमा पंजीकृत कर घटना के सफल अनावरण हेतु टीमों का गठन किया गया।

मृतका मंजू की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण स्टेनगुलेशन पाया गया। पुलिस अधीक्षक जनपद सम्भल कृष्ण कुमार व अपर पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) अनुकृति शर्मा के कुशल निर्देशन व क्षेत्राधिकारी गुन्नौर दीपक कुमार के कुशल नेतृत्व में जनपद में अपराध एवं अपराधियों पर प्रभावी कार्यवाही हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत 9 जून को थाना रजपुरा पुलिस टीम द्वारा मुकदमे में वांछित अभियुक्तगण, चन्द्रकेश पुत्र श्रीराम ,धर्मेन्द्र पुत्र चन्द्रकेश, निवासी ग्राम हैमदपुर थाना रजपुरा जिला सम्भल, जयप्रकाश पुत्र सोनपाल निवासी ग्राम जयदासपुर थाना रजपुरा जिला सम्भल ,प्रवेश पुत्र कल्यान सिंह निवासी ग्राम अजीजपुर थाना जुनावई जिला सम्भल व अभियुक्त मधुर आर्य पुत्र जगदीश आर्य नि० हयातनगर थाना हयातनगर जनपद सम्भल हाल तैनाती सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बहजोई को गिरफ्तार किया गया।

अभियुक्त मधुर आर्य से रिश्वत के 15000 रुपये की बरामदगी की गयी।मृतका मंजू पुत्री चन्द्रकेश नि० हैमदपुर थाना रजपुरा जनपद सम्भल की हत्या के अभियोग के अनावरण हेतु सर्विलांस टीम का सहयोग लिया गया जिसमें यह प्रकरण संज्ञान में आया कि मृतका मंजू का गांव के ही प्रमोद पुत्र हप्पू के साथ काफी लम्बे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था। जिसकी धीरे-धीरे गांव के लोगों व गांव के आस पास के लोगों को जानकारी हो गयी थी। प्रमोद की पत्नी पूनम ने भी मंजू व प्रमोद की आपस में वार्ता की आडियो सुन ली थी तथा पूनम ने मृतका मंजू व प्रमोद की आपस में वार्ता की आडियो अपने भाई उमेश को भेज दी थी। आडियो की बात को लेकर 26 मई में मृतका मंजू व पूनम में आपस में झगडा हुआ था।

उसी दिन रात्रि में 10.00 बजे प्रमोद घर आया। प्रमोद ने अपनी पत्नी पूनम के साथ मारपीट की थी। मारपीट के समय मंजू का भाई धर्मेन्द्र भी प्रमोद के घर गया था, जिसका वहाँ पर झगडा हुआ था। इस घटना से मृतका मंजू के पिता चन्द्रकेश व भाई धर्मेन्द्र की गांव समाज में का भी लज्जित महसूस कर रहे थे। इस बात से दोनों लोग बहुत ही आहत हो गये थे। उन्हें यह आंशका थी कि अगर मंजू प्रमोद के साथ भाग गयी तो उनकी काफी बदनामी हो जायेगी।

इसी बात को ध्यान में रखकर 27 मई की सुबह 6 बजे के आस पास चन्द्रकेश व धर्मेन्द्र ने मिलकर अपने घर के अन्दर मंजू की गला दबाकर हत्या कर दी, हत्या के बाद आत्महत्या का रुप देते हुये मंजू के शव को फाँसी का फन्दा लगाकर कमरे के अन्दर टांग दिया था। हत्या के बाद चन्द्रकेश व धर्मेन्द्र ने जयप्रकाश से फोन पर वार्ता की।

चन्द्रकेश, धर्मेन्द्र व जयप्रकाश व प्रवेश ने मिलकर मंजू की हत्या में प्रमोद, उमेश, हरनारायन, पप्पी, पूनम को फसाने के लिये षडयन्त्र किया। षडयन्त्र के तहत जयप्रकाश ने फोन करके प्रमोद के साले उमेश को घटना स्थल पर बुलाया। लगभग सुबह 9 बजे उमेश के घटना स्थल पर आने के बाद मंजू की हत्या का आरोप प्रमोद व उसके साले उमेश पर लगा दिया था। नामजद अभियुक्त पप्पी का जयप्रकाश के साथ जमीनी विवाद था। इसलिये जयप्रकाश ने पप्पी का नाम भी लिखा दिया था और पुलिस को सूचना दे दी थी।

अभियुक्तगण कम पढे लिखे है, इनको लगा कि जब मंजू के गले में फन्दा डालकर लटका दिया है, तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैगिंग आ सकती है, इसलिये यह सुनिश्चित करने के लिये कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्टेनगुलेशन ही आये, मुल्जिमान ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बहजोई में नियुक्त फार्मासिस्ट मधुर आर्य से साठ गांठ करके पचास हजार रुपये में बात तय की। अभियुक्तगण के द्वारा रुपये की व्यवस्था करके पचास हजार रुपये अभियुक्त मधुर आर्य को समय 5 बजे तक दे पाये। जिस कारण मृतका मंजू का पोस्टमार्टम 27 मई को न होकर अगले दिन 28 मई को हो पाया।

अभियुक्त मधुर आर्य के फोन के अवलोकन से यह पाया गया कि वह विभिन्न थानों पर पंजीकृत मुकदमों में मजरुबों की मेडीकल रिपोर्ट के साथ रिश्वत लेकर हेर फेर करता है। अभियुक्त मधुर आर्य अपने आप को डिप्लोमा फार्मेसिस्ट राजपत्रित अधिकारी एसोसिएशन का जिलाध्यक्ष बताते हुये लोगों पर अपना प्रभाव दिखाता है और इस प्रभाव का दुरुपयोग करते हुये मेडीकल रिपोर्ट में हेर फेर कराने की रिश्वत लेता है। इसी कारण अभियुक्त डॉ०मधुर आर्य को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा रहा है।

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