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संभल का इतिहास स्वर्णाक्षरों में अंकित करने योग्य :- अजय शर्मा

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भारतीय इतिहास संकलन समिति ने इतिहास दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित करके संभल के इतिहास का बखान किया। उसे स्वर्ण अक्षरों में अंकित करने योग्य बताकर कलयुग की सर्वाधिक पुण्य भूमि संभल को बताया गया।
कोट पूर्वी में अरुण कुमार अग्रवाल के निवास पर आयोजित भारतीय इतिहास संकलन समिति के इतिहास दिवस कार्यक्रम में भारत माता के चित्र के समक्ष मनीष चौधरी और अत्यंत त्यागी ने दीप प्रज्वलित किया। संस्था के संरक्षक प्रोफेसर डॉ योगेंद्र सिंह ने कहा कि संभल के 68 तीर्थ 19 कूप पूजनीय, स्मरणीय एवं ऐतिहासिक महत्व के हैं। इसके साथ ही यहां की 24 कोसीय परिक्रमा, ध्वजा का मेला, पृथ्वीराज चौहान का किला, तोता मैना की कब्र, चक्की का पाट और अन्य अनेक परंपराएं स्मरण रखने योग्य, पूजा करने योग्य और ऐतिहासिक हैं। भारतीय इतिहास संकलन समिति के जिला अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा ने कहा कि संभल का प्राचीन इतिहास स्वर्ण अक्षरों में अंकित करने योग्य है। यहां अनेक प्रथाएं, परंपराएं अलौकिक हैं। संभल का महत्व अनेक ग्रंथों में वर्णित है
जिसे पढ़कर जानकर हर किसी का मन प्रफुल्लित होता है। उन्होंने संभल तीर्थ परिक्रमा तथा संभल के तीर्थ के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। ऐतिहासिक 68 तीर्थ और 19 कूप यहां के इतिहास को जीवंत किए हुए हैं। ऐसे में इन तीर्थों की चिंता शासन प्रशासन और समाज को संयुक्त रूप से करनी चाहिए। बैठक में शेखर सक्सेना, पंकज सांख्यधर, वैभव गुप्ता, श्याम शरण शर्मा, अरुण कुमार अग्रवाल, सुमन कुमार वर्मा, अतुल कुमार शर्मा, अमन सिंह, विष्णु कुमार, सरिता गुप्ता, सुनीता यादव, रोहित गुप्ता, राजेश कुमार गुप्ता, आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला महिला प्रमुख मीनू रस्तोगी ने की तथा संचालन संस्था के जिला सह मंत्री सुबोध कुमार गुप्ता ने किया।

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